सिल्वर लेक एकेडमी में जश्न-ए-अदब नाम से हुआ मुशायरा
रिपोर्ट समीर चौधरी
देवबंद- सिल्वर लेक एकेडमी में जश्न-ए-अदब के नाम से मुशायरे के आयोजन हुआ। इसमें शायर सलमान दिलकश ने कलाम पढ़ते हुए कहा..नबी- ए-पाक की सुन्नत को क्यूं ना आम करुं, मिले जो राह में दुश्मन उसे सलाम करूं। सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी।
चांद कॉलोनी स्थित सिल्वर लेक एकेडमी में हुए मुशायरे में राशिद कमाल ने पढ़ा..एकता और प्रेम की रस्सी को मिल कर थाम लें, सब करें पूजा इबादत और उसका नाम लें। जाहिद देवबंदी ने कुछ यूं कहा..हम अंधेरे में थे रोशनी मिल गई, आप क्या मिल गए जिंदगी मिल गई। नईम अख्तर ने कहा..दिल मेरा शाद क्यूं नहीं करते, तुम मुझे याद क्यूं नहीं करते। डॉ. खुर्रम मुसर्रत ने पढ़ा..घर में बुजुर्ग बाप भी पाला नहीं गया, एक यात्री भी तुम से संभाला नहीं गया। मीर मोहम्मद फैसल ने कुछ यूं कहा..वह जिसके शहर में हमने जिगर गंवाया है, तमाम रात वही शख्स याद आया है। सुनाकर देर रात्रि तक श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम में शमा रोशन समाजसेवी शाजिया नाज ने की। अध्यक्षता मो. कासिम और संचालन सलमान दिलकश ने किया। अंत में एकेडमी के चेयरमैन जावेद ने सभी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आयोजक जाहिद देवबंदी ने सभी का आभार जताया।
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