Ticker

6/recent/ticker-posts

परचम संस्था की ओर से ईद मिलन के अवसर पर किया गया मुशायरा का आयोजन

परचम संस्था की ओर से ईद मिलन के अवसर पर किया गया मुशायरा का आयोजन

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर- जागरूक महिला संस्था परचम की ओर से ईद मिलन के अवसर पर मुशायरा का आयोजन किया गया।जिसकी  अध्यक्षता डॉक्टर शाहिद जुबेरी ने की व मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर अयूब उपस्थित रहे और संचालन नुसरत परवीन ने किया।
मुशायरा का आगाज़ आसिफ शम्सी की नात से किया गया। जिन शायरों ने अपने कलाम पेश किए है वे  इस प्रकार है-अरशद कुरैशी ने पढ़ा इस दौर में जो जी ले तो जीना कमाल है,देखा है कभी सुई से धागा निकाल कर,इलियास अलम ने कलाम पेश किया अब अपनी मर्जी से कोई ना जी सकेगा यहां अब उनकी मर्जी बगैर आप कुछ कहा ना करें  तलत सरोहा ने कहा मुझे जो इल्म की दौलत मिली है बांटती हूं मैं, नहीं सोचा कभी मैंने मेरा इनाम क्या होगा दानिश कमाल ने कहा मैं आंखें मूंद कर बैठा हूं फिर भी,मुझे सब कुछ दिखाई दे रहा है आसिफ शमसी ने कलाम पेश किया जहां में फैसलें सारे इसी बुनियाद पर होंगे,तेरे आमाल के छींटें तेरी औलाद पर होंगे  डाक्टर कुदसिया अंजुम ने पढ़ा अलमारी में बंद जो रखी है किताबें रोती है बिलखती हैं सिसकती हैं किताबें ,नुसरत परवीन ने कहा दुख दर्द रंज हंसी खुशी की दीद है ,कितने रंगों से सजी हुई ये ईद है अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर शाहिद जुबेरी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से साहित्य को बढ़ावा मिलता है और साहित्य में वृद्धि होती है साहित्यिक कार्यक्रमों का लगातार जारी रहने से समाज में विचार पैदा होते हैं।कार्यक्रम में साजदा शाहिद, सीमा, बुशरा युसरा अ समा आदि मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

स्कूलों द्वारा यूनिफार्म और किताबों की अनिवार्यता पर सख्ती, अभिभावक 17 अप्रैल को कर सकेंगे शिकायत दर्ज.