मदरसा सर्वे का विरोध नहीं, जांच में सहयोग करें मदरसा संचालक-सिद्दीकी
मदरसे खुली किताब है, सभी के लिए मदरसे के दरवाजे हमेशा खुले हैं- आसिफ खान
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किए जाने को लेकर देहरादून रोड़ स्तिथ एक सम्मान समारोह के दौरान दानिश सिद्दीकी महासचिव उर्दू तालिमी बोर्ड शाखा सहारनपुर एवं आसिफ खान प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय मदरसा आधुनिकरण शिक्षक संघ ने कहा की देश की आजादी में मदरसों की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता।
देश के संविधान के तहत मदरसों का संचालन किया जाता है। मदरसों के अंदर कोई भी ढकी या छुपी चीज नहीं है। मदरसों ने देश की आजादी और उसके निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने मदरसा संचालकों से अपने दस्तावेज और जमीन को ठीक रखने पर बल दिया। इसलिए यूपी सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे से डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। मदरसे वाले अपना हिसाब किताब ठीक रखें। अपने दस्तावेज और हिसाब-किताब को पारदर्शी रखें। उन्होंने कहा कि सर्वे से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मदरसे खुली किताब है और सभी के लिए इन के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। अगर सरकार सर्वे करती है तो ज़िले के मदरसा संचालको से आह्वान किया कि मदरसे सर्वे में सहयोग करते हुए संपूर्ण और सही जानकारी दें। इस दौरान असगर आलम राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व उपभोक्ता संगठन एवं डॉ शाज़िया नाज़, राष्ट्रीय महासचिव, विश्व उपभोक्ता संगठन,अमनदीप सिद्धू सदस्य विश्व उपभोक्ता संगठन ने मदरसों के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने मदरसा संचालकों को शिक्षा अधिनियम और देश के संविधान के तहत दी गई धार्मिक आजादी के अनुसार शिक्षण कार्य करने पर बल देते हुए सर्वे में सहयोग करने की अपील की। इस दौरान नवेद उल हक़ सिद्दीकी,राफे सिद्दीकी, रय्यान सिद्दीकी, राव रमीज,अरशद रहमानी, जमशेद अली,मुकर्रम अली, जावेद खान आदि मौजूद रहे।
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