निरस्त नहीं किया जा सकता जीआईएस सर्वे-नगरायुक्त
टैक्स गड़बड़ी का स्पेसिफिक केस दें जांच के बाद सख्त कार्रवाई होगी
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- नगरायुक्त संजय चौहान ने कहा है कि जीआईएस सर्वे प्रदेश शासन की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह शहर के टैक्स को रेशनलाइज़ (पुर्नगठन) करने की प्रक्रिया है। अतः जीआईएस सर्वे को बिना किसी आधार के निरस्त नहीं किया जा सकता। यदि इसके क्रियान्वन में कहीं कोई कमी होगी तो उसे दुरुस्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जीआईएस सर्वे के सम्बंध में शासन के निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा।
नगरायुक्त ने यह बात कुछ पार्षदों द्वारा जीआईएस सर्वे निरस्त करने की मांग करने के संदर्भ में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जीआईएस सर्वे को लेकर मेरठ का उदाहरण दे रहे हैं, मेरठ व दूसरों निगमों से भी इस संबंध में तथ्य मंगाकर उनका अध्ययन कर, शासन के निर्देशों के आलोक में निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सामान्य रुप से टैक्स में गड़बड़ी की बात कह देना ठीक नहीं है, इससे न तो गड़बड़ी का निराकरण संभव है और न नगर निगम द्वारा टैक्स जमा करने में कर्मचारियों के मनोबल को बरकरार रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनके बार-बार कहने के बावजूद टैक्स में गड़बड़ी का कोई स्पेसिफिक केस किसी व्यक्ति द्वारा आज तक न तो उनके संज्ञान में लाया गया है और न टैक्स के वरिष्ठ प्रभारी/अपर नगरायुक्त के संज्ञान में लाया गया है। नगरायुक्त ने शहर के लोेगों को आश्वस्त किया कि यदि टैक्स के बिलों में गड़बड़ी की शिकायत किसी स्पेसिफिक केस के साथ उनके संज्ञान में आयेगी तो उसकी गहन जांच कराकर सम्बंधित कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जायेगी। जिसमें उसके खिलाफ अपराधिक मुकदमा पंजीकृत कराने के अलावा बर्खास्तगी तक शामिल है।नगरायुक्त संजय चौहान ने कहा कि शहर के केवल 35 प्रतिशत भवन स्वामियों द्वारा ही टैक्स दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि टैक्स देना प्रत्येक जिम्मेदार शहरी का नैतिक दायित्व और कर्तव्य है। टैक्स की राशि से ही शहर में विकास कार्य किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि जो लोग शहरी क्षेत्र में रहते हुए मूलभूत सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें टैक्स लेने से छोड़ दिया जाए या उन पर टैक्स न लगाया जाए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नगर निगम द्वारा टैक्स वसूली में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह सब पैसा शहर के विकास पर ही खर्च किया जायेगा।
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