Ticker

6/recent/ticker-posts

नवदुर्गा पूजा में मंगल कलश घट स्थापना संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का रूप-स्वामी कालेंद्रानंद

नवदुर्गा पूजा में मंगल कलश घट स्थापना संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का रूप-स्वामी कालेंद्रानंद

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर -राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर चैत्र नवरात्री में मंगल कलश घट स्थापना अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा नौ दुर्गा घट स्थापना प्रकृति का नव सृजन है ।श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित चैत्र नवरात्रि महोत्सव शुभारंभ अवसर पर मां भगवती के नौ दुर्गा मंगल कलश घट स्थापना की गई विधिवत मंत्र उच्चारण कर मां भगवती की खेत्री रोप कर विधिवत पूजन आचार्य ऋषभ शर्मा ने करवाया, मां भगवती के सोडष मंगल कलश की स्थापना की गई। जिसमें संकल्पित होकर नवदुर्गा महोत्सव में पूजा प्रारंभ हुई एवं सतचंडी पाठात्मक महायज्ञ का शुभारंभ हुआ।

नवदुर्गा मंगल कलश घट स्थापना अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा नवदुर्गा पूजा में मंगल कलश घट स्थापना संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का रूप है जिसमें शत रज तम का प्रत्यक्ष रूप है जो सृष्टि की संपूर्ण ऊर्जा को धारण करता है यही आदिशक्ति भगवती का मूल रूप कहा जाता है घटस्थापना कर प्रथम नवरात्रि पर मां शैलपुत्री की पूजा की गई उन्होंने कहा समस्त प्रकृति की चेतन को नवदुर्गा कहा गया है जिसमें प्रथम शक्ति शैलपुत्री कहलाती हैं जो जगत का कल्याण करती हैं महाराज श्री ने बताया मां भगवती ने हिमाचल नरेश के यहां उनकी पुत्री के रूप में प्रकट होकर पार्वती नाम पाया और शिव का कठोर तप कर शिवजी का वरण किया पर्वतों के राजा के पुत्री के रूप में प्रकट होने के कारण उनका नाम शैलजा अर्थात शैलपुत्री हुआ जिनका प्रथम जन्म राजा दक्ष की कन्या के रूप में हुआ जहां भगवती का नाम सती हुआ राजा दक्ष के शिवद्रोही भाव के कारण मां भगवती ने राजा दक्ष के कनखल यज्ञ में अपनी देव को भस्म किया और देह त्याग कर 6 जन्म धारण कर सातवां अवतार पार्वती के रूप में पर्वत राज अर्थात शैलराज की पुत्री के रूप में प्रकट हुई तभी से मां भगवती प्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजी जाती हैं इसी समय प्रकृति में नव सृजन होता है जिसमें नई फसल नए पट्टे एवं प्रकृति को नया आवरण प्राप्त होता है जिसका संरक्षण भगवती ही करती हैं मां भगवती शैलपुत्री सृष्टि के कल्याण का मूल चेतन भाव है इस अवसर पर रमेश शर्मा अश्वनी कंबोज राकेश राय सागर गुप्ता राजबाला ओस बबीता सुमन गीता कुसुम सरिता तनु आराध्या सविता आदि रहे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

व्यापारियों ने हवन और बहीखाता पूजन कर किया नववर्ष का स्वागत