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रोज़ा अल्लाह की ख़ास इबादत है और अल्लाह अफ्तार के वक़्त रोज़ेदार के बेहद क़रीब होता है -मौलाना आसिफ़ नदवी

 रोज़ा अल्लाह की ख़ास इबादत है और अल्लाह अफ्तार के वक़्त रोज़ेदार के बेहद क़रीब होता है -मौलाना आसिफ़ नदवी

रिपोर्ट अमन मलिक

रामपुर मनिहारान-हज़रत मौलाना आसिफ़ नदवी ने कहा कि रोज़ा अल्लाह की ख़ास इबादत है और अल्लाह अफ्तार के वक़्त रोज़ेदार के बेहद क़रीब होता है इसलिए रोज़े का एहतराम करते हुए हलाल रिज़्क़ खाना चाहिए।

मदरसा असदिया के उस्ताद हज़रत मौलाना आसिफ़ नदवी साहब ने रमज़ान उल मुबारक की फ़ज़ीलतें बयान करते हुए कहा कि रोज़ा अल्लाह की ख़ास इबादत है।इतनी ख़ास कि अल्लाह ने रोज़े का बदला ख़ुद देने का वादा किया है।इसलिए रोज़े के हर लम्हे का इस्तेमाल सही सही करना चाहिए और खाने पीने की चीज़ों का इंतेख़ाब भी सोच समझ कर करना चाहिए।सहरी और अफ्तार में ऐसी चीज़ें न खाएँ जो गैस तेज़ाब या दूसरी कोई परेशानी पैदा कर दें।जंक फूड तो इस्तेमाल करना ही नहीं चाहिए।मौलाना आसिफ़ नदवी ने कहा कि इस पाक महीने में हर वक़्त अल्लाह की रहमतें बरसती हैं।हर अमीर गरीब आदमी अल्लाह की वे सब नेमतें पा लेता है जो दूसरे दिनों में मुश्किल मिलती हैं।उन्होंने कहा कि अफ्तार का वक़्त बेहद क़ीमती है।इस वक़्त को इधर उधर घूमने की बजाए तस्बीह या दुआ में गुजारें।अपने लिए अपनों के लिए और देश के लिए ख़ैर की दुआएं मांगें।क्योंकि अल्लाह के नबी का इरशाद है कि रोज़ेदार की दुआ रद नही की जाती।हज़रत मौलाना आसिफ़ नदवी ने कहा कि हलाल कमाई हलाल रिज़्क़ ख़ैर और कामयाबी का सबब हैं।

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