यूनिक किड्स स्कूल में आयोजित कार्यशाला में बाल मनोवैज्ञानिक ने अभिभावकों को बताए बच्चों की मनोदशा समझने के तरीके
बच्चों को कामयाब बनाना है तो अपनाने चाहिए - मिलिट्री रूल-आँचल बजाज
बच्चों के साथ ही अभिभावकों के जीवन मे भी परिवर्तन ला सकेगा अनुशासन-सुरेन्द्र चौहान
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-महानगर की प्रमुख शिक्षण संस्था यूनिक किडस स्कूल में आयोजित कार्यशाला में बाल मनोवैज्ञानिक आंचल बजाज ने अभिभावको को बच्चों की मनोदशा समझने व उसके समाधान के गुर व तरीके बताएं तथा जीवन में मिलिट्री रूल अपनाने का आह्वान किया गया।गोपाल नगर, नुमाइश कैम्प स्थित यूनिक किडस स्कूल मे आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ बाल मनोवैज्ञानिक आंचल बजाज, स्कूल के संस्थापक व वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र चौहान, प्रधानाचार्या हरसिमरत कौर चौहान, डायरेक्टर मनु चौहान,प्रधानाचार्य सिम्पल मकानी, गार्गी बजाज एवं नन्हे बालक अंगद चौहान ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाल मनोवैज्ञानिक आंचल बजाज ने कहा कि अभिभावको को बच्चो की मनोदशा समझने की आवश्यकता है ताकि उसी के अनुसार बच्चों की आदतो में सुधार किया जा सके उन्होंने बच्चो को संस्कार उनके घरो में ही उनके परिजनों से ही मिलते है क्योकि घरो मे जिस तरह की एक्टिविटी होती है बच्चे उसी का अनुसरण करते है उन्होंने बच्चों में ज्यादा मोबाइल चलाना, ज्यादा टी.वी देखना, रात्रि में देर से सोना, सुबह देर से उठना समय पर खाना न खाना, सुस्ती आदि का जिक्र करते हुए बताया कि अभिभावको को इस पर फोकस करना चाहिए ताकि समय पर इनका समाधान किया जा सके उन्होंने कहा कि बच्चों में अलग अलग प्रतिभा होती है जिसे निखारने के लिए बच्चो रुचि की जानकारी जरूरी है यदि कोई बच्चा खेल के प्रति हाईपर है तो खेल में ही आगे बढाना चाहिए उन्होने कहा कि यदि अपने बच्चो को कामयाब बनाना है तो अपने जीवन में मिलिट्री रूल अपनाना पडेगा जिसमे आपको समय पर सोना जागना तथा अन्य कार्य करने जरूरी है तभी आपका बच्चा कामयाबी हासिल करेगा और उसके जीवन मे किसी भी तरह की समस्या नहीं आएगीप्रोग्रेसिव स्कूल्स सोसाइटी के संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि कार्यशाला मे बताए गुर बच्चों के साथ उनके अभिभाभको के जीवन में बदलाव लाने मे सहायक सिद्ध होंगे उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबन्धन अच्छी व गुवक्ता पूर्ण शिक्षा के साथ बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है इसलिए समय समय पर तरह क कार्यशाला आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला का संचालन मनस्वी सेतिया ने किया। इस दौरान श्वेता भल्ला चेतना भूटानी, प्रज्ञा मकानी, दीपिका बजाज, कनिका टुटेजा, आकांक्षा गेरा,पलक रहेजा रितिका पाहुजा, रीना नामदेव, वर्षा शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में शिक्षिकाएं एवं अभिभावक मौजूद रहे।
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