हमें कुरआन और हदीस को जानने की जरूरत है। ताकि हमारी जिन्दगी और आखिरत दोनो कामयाब हो सके-मौलाना मौ. हशीम मजाहिरी
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- मौलाना मौ. हशीम मजाहिरी ने कहा कि आज हमें अपने मुआशरे से व्याप्त बुराईयों को जड से खत्म करना होगा और इसके लिए हमें कुरआन और हदीस को जानने की जरूरत है। ताकि हमारी जिन्दगी और आखिरत दोनो कामयाब हो सके।
मुफ्ती हशीम आज यहां शब ए बरात के मौके पर चौक जोगियान स्थित एक इस्लाहे मुआशरे के जलसे को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने शब ए बरात के फजाइल पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह रात बहुत मुबारक रात है। इसलिए इस रात को जितनी भी हो सके अल्लाह की इबादत करें और अपने गुनाहों की तौबा करें। मौलाना मौ. मुस्तफा ने कहा कि हर मुस्लिम को अपने बच्चों को दुनियावी शिक्षा के साथ-साथ कुरआन व हदीस की तालीमात से भी रोशनास कराना चाहिए। मुफ्ती जिक्रिया ने कहा कि हर एक मां बाप को अपनी बेटियों को हर हालत में पढ़ाना लिखाना चाहिए। ताकि वह भी पढ़ लिखकर आने वाले वक्त में अपने बच्चों को शिक्षित करने में अहम भूमिका अदा करे। मौलाना कसीम गंगोही ने कहा कि आज नये-नये फितने हमारे समाज को गुमराह कर अल्लाह और उसके रसूल स.अ.व. की तालीमात से दूर कर रहे है। सोशल मीडिया का बहुत सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि समाज गुमराह होने से बच सके। जलसे का समापन मौलाना कसीम ने देश की तरक्की, अमन चैन व भाईचारे की दुआ के साथ कराया। इससे पूर्व निजामत कर रहे मौलाना मौ. अनस मदनी की तिलावत ए कलाम पाक से जलसे की शुरूआत की गयी। नात ख्वानी जामा मस्जिद के मौज्जन कारी आफताब ने की। इस दौरान पार्षद नदीम अंसारी, इरशाद उर्फ भूरा, सईद अहमद मुल्लाजी, मामा सरफराज, मामा जिशान, मेहरबान, अली मुखिया, मुदस्सिर, हाफिज अजीम, शुऐब, मौ. सादिक, रियासत आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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