बस यही बात सबकी जुबान पर, भारत का नाम लिख देंगे आसमान पर...
रिपोर्ट एसडी गौतम
नागल-पार्थ साहित्य संस्था द्वारा साहित्यकार अलका मिश्रा को विधावाचस्पति सम्मान मिलने पर कस्बे के भाटखेड़ी रोड़ स्थित महेंद्र सिंह फार्म में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूट ली। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र सम्मुख अलका मिश्रा, राजसिंह यादव, समाजसेवी रजनीश नौसरान, राजबीर चौधरी व अवनीश त्यागी उर्फ बिट्टू द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
काव्य पाठ करते हुए कवि प्रदीप मायूस नेकहा कि बस यही बात सबकी जुबान पर - भारत का नाम लिख देंगे आसमान पर सुनकर देशप्रेम की भावनाएं जागृत की तो वहीं कवि हलधर ने कहा कि एक लिफाफे में सिमटी है बस मेरी औकात मियां सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। युवा कवि सागर ने कहा कि गर्दिशो के भंवर में रहता हूं फिर भी अक्सर सफर में रहता हूँ सुनाकर हथेली बजाने को मजबूर कर दिया। कवि प्रमोद शर्मा ने "हम है जो दर्द बांटे जा रहें हैं हमही को लोग डांटे जा रहे हैं। हमारे हौंसले का कद्र तो देखो हमारे ही जख्म छांटे जा रहे हैं" सुनाकर महफिल को ख़ुशगुवार बना दिया। संचालन कर रही कवयित्री मीनाक्षी दिनेश कुमार ने " अंजाने चेहरे में भी कितना अपनापन होता है, कविता वही लिख सकता है जिसमें पागलपन होता है" सुनाकर महफिल लूट ली। इस अवसर पर प्रो. शोभा त्रिपाठी, कविता बिष्ट, बलराज मलिक, निभा चौधरी, विजय द्रोणी, सुधीर जलधर, विनीत भारद्वाज, अरुण शर्मा, बबीता अजीत राणा व श्वेता त्यागी ने भी अपनी कविता सुनाकर श्रोताओं को बांधे रखा। इस दौरान सुरजीत सिंह, गौरव विवेक, देवेंद्र धवलहार, हरिकिशन, राजेश्वर त्यागी, अनिल शर्मा, सुबोध शर्मा, विनय चौधरी, जितेंद्र चौधरी, अनिल त्यागी, अशोक रोहिला, विक्रम पालीवाल व राकेश चौधरी समेत आदि मौजूद रहे।
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