ग्लोकल विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने किया श्रमदान
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर,-ग्लोकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. पी. के. भारती की प्रेरणा और कुलसचिव प्रोफेसर शिवानी तिवारी की अनुप्रेरणा तथा कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर शोभा त्रिपाठी और डॉक्टर संजीव नांदल के संयोजन में रोशनपुर पेलो गांव के क्षेत्र में शिविर लगाया गया। इस शिविर में दोनों यूनिट के 100 - 100 छात्रों ने सहभागिता की। सर्वप्रथम छात्र- छात्राओं ने अपना श्रमदान करते हुए प्ले ग्राउंड प्रांगण की साफ सफाई की तथा पौधों में क्यारियां बनाई। अपराहन सत्र अकादमिक सत्र रहा। इस सत्र के मुख्य अतिथि ग्लोकल विश्वविद्यालय के आई.क्यू. ए. सी. के डायरेक्टर प्रोफेसर संजय कुमार तथा विशिष्ट अतिथि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ धनंजय रहे।
विशिष्ट अतिथि ने अपना वक्तव्य सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर दिया। सर्वप्रथम उन्होंने बताया कि हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार के खराब हो चुकी सामग्रियां होती हैं, जिनका अलग-अलग वर्गीकरण किया जाना आवश्यक है। उसी वर्गीकरण के हिसाब से उसे अलग - अलग नष्ट करना चाहिए। यह वस्तुयें जैविक प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक, सीमेंट, कूड़ा, हानिकारक डिब्बे आदि कुछ भी हो सकती हैं।कुछ वस्तुएं रिसाइक्लिंग प्रक्रिया से पुनर्प्रयुक्त हो जाती हैं। कूड़े को सही तरीके से नष्ट करना भी प्रत्येक नागरिक का अनिवार्य कर्तव्य है। जिसके लिए सरकार ने कानून भी बनाए हैं तथा नगर निगम भी इस दिशा में काम कर रहा है। ग्राम के प्रधानों को भी इस दिशा में निर्देश दिए गए हैं। परंतु प्रत्येक नागरिक का जागरूक होना सबसे महत्वपूर्ण है। मुख्य अतिथि डॉक्टर संजय कुमार ने सेवा भाव से व्यक्तित्व निर्माण विषय पर अपने वक्तव्य में कहा कि हमारा वाह्य व्यक्तित्व हमारी फिजिकल बॉडी है जिसे हम अपने दैनिकचर्या और खान-पान के माध्यम से स्वस्थ और आकर्षक बना सकते हैं परंतु हमारा मुख्य व्यक्तित्व हमारी आंतरिक सोच और हमारा व्यवहार है जिसे स्वस्थ और समाज उपयोगी बनाना अत्यंत अनिवार्य है। निस्वार्थ सेवा भावना से जो हमें खुशी मिलती है वही वास्तविक खुशी है। चीफ प्रॉक्टर जमीर - उल - इस्लाम ने छात्रों को अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।इसके साथ ही उन्होंने बाल कैंसर दिवस पर बोलते हुए कहा कि कैंसर आज बहुत घातक बीमारी बन चुका है। हमारे खान-पान और दैनिकचर्या के सुशासित रहने से इस रोग की संभावना कम हो सकती है। तमाम रिसर्च बताते हैं कि कैंसर अब नवजात से लेकर 18 साल तक के बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। कई बार कैंसर के लक्षण नजर नहीं आते। जब पता चलता है, तब तक काफी देर हो जाती है। बच्चों में मुख्य रूप से चार प्रकार का कैंसर फैल रहा है- एक्यूट ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा और लिम्फोमा। बच्चों के प्रति कैंसर को लेकर जागरुक रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर छात्रा सलमा ने शेर पढ़े और छात्र कानूनी जागरूकता से संबंधित लघु फिल्म भी दिखाई। इस अवसर पर सहायक परिवहन इंचार्ज मोहम्मद माजिद अहमद, एडमिन अधिकारी मकसूद अंसारी भी उपस्थित रहे। समस्त कार्यक्रम का बैकेंड नूर आज़म व सत्यम ने संचालित किया।इस समस्त कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शोभा त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर संजीव नांदल ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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