अनिल वर्मा में दर्द और भावों का लावा
डॉ.अनिल वर्मा की ग्यारही पुस्तक ‘औटुम्नल सोनाटा’ का लोकार्पण
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- अंग्रेजी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ अनिल वर्मा के अंग्रेजी काव्य संग्रह ‘औटुम्नल सोनाटा’ का यहां अम्बाला रोड स्थित एक सभागार में अनेक साहित्यकारों द्वारा किया गया। काव्य संग्रह ‘औटुम्नल सोनाटा’(पतझड़ का संगीत) में 125 कविताएं है। अनिल वर्मा की यह ग्यारहवीं पुस्तक है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में रचनाकार डॉ. अनिल वर्मा ने अपने साहित्यिक सफर पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए लोकार्पित पुस्तक ‘औटुम्नल सोनाटा’ के बारे में बताया कि संग्रह की 125 कविताओं में प्रकृति, माँ की ममता और जीवन के विभिन्न रुपों को लेकर लिखी गयी कविताएं शामिल है। समारोह अध्यक्ष डॉ. विष्णुकांत शुक्ल ने कहा कि काव्य ज्ञान, शास्त्र का ज्ञान और लोक का ज्ञान जिस कवि के पास होता है वहीं कवि श्रेष्ठ होता है, और अनिल वर्मा इस कसौटी पर एकदम खरे उतरते हैं। विशिष्ट अतिथि एवं इतिहासविद् डॉ.रमेश दत्त एवं डॉ. ममता सिंघल ने कहा कि डॉ.अनिल वर्मा का अंग्रेजी साहित्य को समृद्ध करने में बड़ा योगदान है। मुख्य वक्ता डॉ.पूनम शर्मा ने कहा कि अनिल वर्मा में दर्द और भावों का लावा है, जो उनकी कविताओं में दिखायी देता है।विशिष्ट वक्ता साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र आज़म ने कहा कि पतझड़ का संगीत वही सुन सकता है जिसने जीवन का संगीत सुना हो। डॉ.वर्मा ने जीवन की सच्चाइयों को करीब से देखा और भोगा भी है, और वहीं उनकी कविताओं में उतरा है। विचारक एवं समीक्षक डॉ. वी के शर्मा ‘शम्मी’ ने कहा कि कवि ने प्रकृति के सारे रंग लेकर कविताओं के माध्यम से एक इंद्रघनुष संग्रह में उतारा है। डॉ. शुभ्रा चतुर्वेदी ने कहा कि अनिल वर्मा में संवेदनशीलता व विचारशीलता का समन्वय है। गणितज्ञ डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि डॉ.वर्मा द्वारा रचित साहित्य बहुत उच्च स्तर का है, इसे विभिन्न पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। मनु शिवपुरी ने कहा कि डॉ. अनिल वर्मा ने अंग्रेजी के अनेक नये शब्दों को गढ़ा है, इन शब्दों को भारत सरकार की डिक्शनरी में शामिल किया जाना चाहिए। पूर्व विधायक वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि पतझड़ के बाद वसंत भी आता है, उम्मीद है अगले वर्ष कवि अनिल वर्मा का नया संग्रह पाठकों के हाथ में आयेगा। इसके अलावा डॉ. अनुपमा बंसल, डॉ. शशि उन्याल, डॉ. ए के जैन, डॉ. तारिक अहमद, डॉ. साधना शर्मा, डॉ. अंशु शर्मा, सीए प्रत्युष शर्मा, डॉ.ए के शर्मा, डॉ.नीता कौशिक, डॉ. ए के जैन, डॉ.शशि नौटियाल ने भी सम्बोधित किया। समारोह में डॉ.पी के वार्ष्णेय, डॉ.पूरण चंद, डॉ. हरवीर चौधरी, डॉ.महेश कुमार, डॉ.एस के जैन, डॉ.अनिल जैन व धर्मेन्द्र कुमार आदि शामिल रहे। संचालन प्रो. वीरेन्द्र शर्मा शम्मी ने किया।
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