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आयुर्वेद और योग के समुचित प्रयोग से मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव सम्भव-वैद्य मेघा बहुगुणा

 आयुर्वेद और योग के समुचित प्रयोग से मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव सम्भव-वैद्य मेघा बहुगुणा

जीवन में स्वस्थ एवं दीर्घायु प्रदान करना ही आयुर्वेद का मंत्र --  वैद्य शिवम 

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर- आज के युग में इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के रोगों से ग्रसित है और अपनी रोज़मर्रा की बढ़ती व्यस्तताओं के चलते मानसिक स्वस्थ्य पर ध्यान न दे पाने के कारण ही चिंता, शोक, भय, क्रोध, अवसाद आदि बीमारियों का शिकार हो जाता है ! आयुर्वेद और योग के समुचित प्रयोग से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रोगों से बच सकता है ! स्वस्थ मन और शरीर ही एक सफल जीवन का आधार स्तम्भ हैं और आयुर्वेदमें इसका विस्तृत वर्णन है। आयुर्वेद ही वास्तविक रूप मे जीने की पद्वति है अतः सुखमय जीवन के लिए सभी को आयुर्वेद अपनाना चाहिए।   उपरोक्त विचार द्रोणाचार्य आयुर्वेदिक एजूकेशनल इंस्टीट्यूट एवं हॉस्पिटल में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि वैद्य मेघा बहुगुणा ने प्रकट किए 

कार्यक्रम का शुभारंभ आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धन्वन्तरी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, धन्वन्तरी वंदना और शंखनाद के साथ वैद्य मेघा बहुगुणा, वैद्य शिवम, प्रधानाचार्य डॉ दीपक देशपांडे, डॉ हर्ष और डॉ प्रतिभा बहुगुणा ने संयुक्त रूप से किया।     विशिष्ट अतिथि वैद्य शिवम ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से सदा स्वस्थ रहने का मंत्र देता है ! आयुर्वेद में वर्णित जीवन शैली को अपनाने से व्यक्ति कई वर्षों तक निरोगी रह सकता है ! आयुर्वेद के छात्रों को आधुनिक मापदण्डों के माध्यम से शोध द्वारा आयुर्वेदिक सिद्धांतों को सिद्ध करने की आवश्यकता है ! आज कोरोना महामारी के बाद भारत ही नहीं समूचे विश्व ने आयुर्वेद के सिद्धांतों और आयुर्वेदिक औषधियों के प्रभाव का लोहा माना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के महत्व को समझा है।डॉ हर्ष ने आयुर्वेद मे त्वरित लाभ करने वाली चमत्कारिक औषधियों के बारे मे बताते हुए कहा कि भारत सरकार ने अनुसन्धान द्वारा भारतवर्ष की चिकिसा पद्वति आयुर्वेद को पूरे विश्व मे पहचान देने के लिए आयुष मंत्रालय को निर्देशित किया है।  प्रधानाचार्य डॉ दीपक देशपांडे ने आयुर्वेद के क्षेत्र में रोजगार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोग अब आयुर्वेद की महत्ता को समझने लगे हैं और आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति का भविष्य बहुत उज्जवल है।उन्होने सभी विद्यार्थियों से एकाग्र होकर, मन लगा कर पढ़ने और समझने का आह्वान किया,जिससे वे भविष्य मे एक अच्छे चिकित्सक बन सकें। इस अवसर पर द्रोणाचार्य आयुर्वेदिक एजूकेशनल इंस्टीट्यूट एवं हॉस्पिटल,सहारनपुर मे "रिसर्च,  इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डिवैलपमेंट सेल " का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम मे डॉ बिपिन नौटियाल, डॉ शिवानी,डॉ राजीव, डॉ जय चौधरी, डॉ तरंग, डॉ मीनाक्षी,डॉ अभय पांडे,डॉ रिंकू, डॉ नेहा पुंडीर, अनुराधा अग्निहोत्री ,श्रीमती तूलिका, मोहित, अमित और मोनू की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम मे उपस्थित आयुर्वेद के 156 छात्रों को देश हित मे आयुर्वेद के क्षेत्र में पूर्ण निष्ठा के साथ मानव सेवा करने की शपथ भी दिलाई गई।

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