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हिन्दू मुस्लिम युवा एकता समिति द्वारा गणतंत्र दिवस पर कराए गए मुशायरे में शायरों ने सुनाए शानदार कलाम

हिन्दू मुस्लिम युवा एकता समिति द्वारा गणतंत्र दिवस पर कराए गए मुशायरे में शायरों ने सुनाए शानदार कलाम

शायरों को किया गया सम्मानित

रिपोर्ट अमन मलिक

रामपुर मनिहारान-हिन्दू मुस्लिम युवा एकता समिति द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुशायरे का आयोजन किया गया।जिसमें शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए।मुशायरे का उद्घाटन सभासद नदीम अहमद,शमा रोशन सभासद नफ़ीस सैफ़ी ने की।अध्यक्षता शौकत राही व संचालन तारिक़ रामपुरी ने किया।

तारिक़ रामपुरी के निवास पर आयोजित मुशायरे का आग़ाज़ फुरकान अहमद ने नाते पाक से किया।अपने खूबसूरत अंदाज़ में कलाम पेश करते हुए मेहमान शायर प्रोफेसर आसिम पीरज़ादा ने कुछ यूँ कहा 'टपकती छत के तले बैठ कर गुज़ारी है,शब ए विसाल की बारिश ने रेढ़ मारी है।मशहूर नुमाइंदा शायर तारिक़ रामपुरी ने अपने ख्यालात का इज़हार यूँ किया ' तुम कब तलक उठाओगे दुख दर्द मेरे साथ,ऐसा करो कि तुम भी मेरा साथ छोड़ दो।ताहिर मलिक रामपुरी ने कहा 'हो जाऊँ निसार अपने वतन पर ताहिर,ऐ काश तिरँगा ये कफ़न हो जाए।नोजवान शायर ज़ुबैर तन्हा ने कलाम पेश करते हुए कहा 'जाते हुए तो उसको में जी भर के देख लूं।ऐ आँख सब्र कर तुझे रोने की पड़ गयी।मशहूर शायर सोनू जैन सरल ने शानदार अंदाज़ में कुछ यूँ कहा 'जो भँवरे फूलों का रस न पीकर क़बाहें उनकी क़तर रहे हैं,वो ख़ुद तो प्यासे रहेंगे लेकिन चमन को बदरंग कर रहें हैं।दिलकश तरन्नुम में युवा शायर आरिफ़ तन्हा ने कहा ' सिर्फ़ इक बार परखकर नही छोड़ा तुमको,तुम मेरी जान कई बार मुनाफ़िक़ निकले।शौकत राही ने कहा "समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नही सकता,हज़ारों मील फैला है मगर वो बह नही सकता।मास्टर फुरकान अहमद ने खूबसूरत अंदाज़ में कहा 'तेरी आँखों में देख कर आँसू, कोई शिकवा तेरी क़सम न रहा।आस मोहम्मद सैफ़ी ने कहा 'दिल के अरमां निकाल कर देखें, तुझको ग़ज़लों में ढाल कर देखें।तुझको पाना तो ग़ैर मुमकिन है, तेरे सपने ही पाल कर देखें।मुशायरे में मेहमान शायर आसिम पीरज़ादा को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।

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