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त्याग ,बलिदान और उदार परंपरा के पुरोधा थे दशमेश पिता

 प्रकाश पर्व पर विशेष

त्याग ,बलिदान और उदार परंपरा के पुरोधा थे दशमेश पिता

महान योद्धा,के साथ कई भाषा और कलाओं में निपुण थे साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी

 रिपोर्ट:अमित मोनू यादव

सहारनपुर-दशमेश पिता साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी* को इतिहास सदैव त्याग,बलिदान और उदार परंपरा के पुरोधा के रूप में जानता है और मानता है।

साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को भारत में ही नहीं अपितु समग्र विश्व में श्रद्धा भाव के साथ याद किया जाता है। यूं तो उन्हें इतिहास में तमाम उपाधियां दी गई हैं। लेकिन उन्हें‌‌ विशेष रूप से सरबंस दानी‌ कहा जाता है। क्योंकि‌ उन्होंने अपना सर्वत्र धर्म और राष्ट्र पर न्यौछावर कर दिया था। दशमेश पिता साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी* का धर्म,राष्ट्र और मानवता के लिए दिया गया बलिदान उन्हें इतिहास और भविष्य में एक विरले और महान योद्धा की उपाधि रूप में सदा सदा तक नवाज़ता रहेगा ।वही अगर हम *साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी* की महान और बेमिसाल शख्सियत के बारे में जाने तो *गुरू गोबिंद सिंह जी* सिखों के दसवें गुरु होने के साथ साथ एक महान योद्धा,विद्वान,और लेखक थे। उनके दरबार में हमेशा 52 कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी।जिस कारण उन्हें इतिहास में संत सिपाही भी कहा जाता है।गुरू गोबिंद सिंह जी ने स्वंय ही कई ग्रंथो की रचना की है उन्हे संस्कृत, फारसी,पंजाबी ,अरबी समेत अन्य कई भाषाओं का अद्भुत ज्ञान था।गुरु गोबिंद सिंह जी जातिवाद और छुआछूत के विरुद्ध थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे।

 गुरु गोबिंद सिंह जी वाणी "सवा लाख से इक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊ

हमे आज सैकड़ों वर्षों बाद भी जुल्म,अन्याय और अत्याचारों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा और हिम्मत देती आ रही है। सरबंसदानी *साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी* ने धर्म और देश की खातिर अपना सर्वत्र न्यौछावर कर मानवता को और आने वाली पीढ़ी को मानवीय मूल्यों के साथ धर्म की राह पर निडरता से चलने का मार्ग दिखाया। उन्होंने एक ऐसे समाज की नींव रखी जो समावेशी और सामंजस्य पूर्ण है। *साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी* का जीवन पूरी मानवता और दुनिया के लिए एक मिसाल है उनकी वीरता और बलिदान आज अदुतीय है उन्होंने धर्म के सिद्धांतों का हमेशा वरण किया। उनका सम्पूर्ण जीवन आदर्शो से परिपूर्ण रहा,उनके आदर्शो का,उनकी शिक्षा का और उनके अमूल्य सिद्धांतो का आने वाली पीढ़ियां युगों युग तक यूं ही अनुसरण करती रहेगी। मानव जाति सदा ही *गुरु गोबिंद सिंह जी* के जीवन और आदर्शों से प्रेरित हो कर अपना जीवन सफल  करती रहेगी।

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