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मुजफ्फरनगर की धरा पर निरंकारी संत समागम का आयोजन

मुजफ्फरनगर की धरा पर निरंकारी संत समागम का आयोजन 

रिपोर्ट अमान उल्ला खान/धर्मेन्द्र अनमोल

मुजफ्फरनगर-मनुष्य के जीवन में यदि परमात्मा का अभाव हो जाए, तो नकारात्मकता और दुर्भावनाएं मन में घर कर जाती हैं। जब हम इस निरंकार का सहारा लेकर जीवन व्यतीत करते हैं तब हमारे जीवन में स्थायित्व और शांति आ जाती है।" यह प्रेरणादायक वचन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के विशाल मैदान में प्रथम बार आयोजित एक दिवसीय निरंकारी संत समागम में हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।  

सतगुरु माता जी ने आगे फरमाया कि ब्रह्मज्ञान और सच्चाई का समावेश हमें नकारात्मक सोच और बुरे कार्यों से मुक्त करता है।" किसी भी कार्य को करते समय यदि निरंकार से संबंध टूट जाता है, तो दुर्भावना मन में घर कर लेती है, जिससे व्यक्ति अनजाने में अपने और दूसरों के लिए नुकसानदायक कार्य कर बैठता है। ब्रह्मज्ञान हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा देता है और भक्ति के माध्यम से मन को पवित्र बनाता है।  

समागम में सतगुरु माता जी ने मानवता के प्रति सेवा और निष्काम भाव को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन को सेवा भाव से ओतप्रोत बनाना चाहिए, ताकि यह सच्ची भावना मानवता के काम आए।  इस अवसर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सेवादारों ने हर व्यवस्था उत्तम रूप से की हुई थी जिससे समागम में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।वक्ताओं ने भजनों गीतों, विचारों की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर समागम को भक्तिमय बना दिया। निसंदेह श्रद्धालुओं का उत्साह और समर्पण अद्वितीय था।  मुजफ्फरनगर के संयोजक हरीश कुमार ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता रमित जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आयोजन में सहयोग के लिए सेवादल और स्थानीय प्रशासन का भी धन्यवाद किया।

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