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अल्पसंख्यक समुदाय अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो- डाँ कुदसिया अंजुम

अल्पसंख्यक समुदाय अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो- डाँ कुदसिया अंजुम 

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर- अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर जागरूक महिला संस्था परचम द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर चर्चा के लिए एक कार्यक्रम रॉक वुड स्कूल राय वाला में रखा गया

कार्यक्रम में बोलते हुए सरदार दलजीत सिंह  कोचर ने कहा की  अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है यह दिन लोगों को भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के सामने आने वाले मुद्दे और उनकी सुरक्षा सुरक्षित करने के तरीकों के बारे में अधिक जानकारी के लिए प्रोत्साहित करता है। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पहली बार 18 दिसंबर 2013 को भारत में मनाया गया जिसमें हर नागरिक को अपनी भाषा लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार है । मुसलमान ईसाई सिख बौद्ध पारसी जैन अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया है। अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य इस्लामिया इंटर कॉलेज जलाल उमर ने कहा कि हमें अपना आत्म मंथन करना चाहिए हमें राष्ट्रपति अब्दुल कलम से सीखना चाहिए कि वह कैसे मुस्लिम होते हुए भी कितने ऊंचे पद पर पहुंच गए। कार्यक्रम कन्वीनर डॉ कुद सिया अंजुम ने कहा की संविधान में आर्टिकल 19 से लेकर के 30 तक संवैधानिक अधिकारों की बात हर नागरिक के लिए की गई है।1992 में अल्पसंख्यक आयोग भी बनाया गया।अल्प संख्यक छात्रों के लिए फैलो शिप और प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप बंद कर दी गई है केंद्र सरकार के  अल्पसंख्यक मंत्रालय में जो बजट अल्पसंख्यकों के लिए था उसमें भारी कटौती की गई है  सरकार अल्पसंख्यकों के लिए स्कॉलरशिप स्कीम फिर से शुरू करें। इसके अतिरिक्त स्कूल प्रिंसिपल साजदा व बुशरा ने भी अपने विचार रखें कार्यक्रम में बड़ी तादाद में स्टाफ व छात्रों के माता-पिता उपस्थित रहे।

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