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महापौर ने सीएलसी की रजिस्ट्रेशन बुक सील की

 महापौर ने सीएलसी की रजिस्ट्रेशन बुक सील की

महापौर ने किया सीएलसी का औचक निरीक्षण, पिछला डाटा भी खंगाला

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर-महापौर डॉ. अजय कुमार ने आज निगम परिसर स्थित सीएलसी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीएलसी की रजिस्ट्रेशन बुक, कम्पयूटर डाटा व अन्य आवश्यक दस्तावेजों का भी उन्होंने बारीकी से निरीक्षण किया। महापौर ने रजिस्टेªशन बुक में लम्बे समय तक खाली पन्ने और एक ही दिन में काफी रजिस्ट्रेशन देखते हुए रजिस्ट्रेशन बुक को सील कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इसका ऑडिट करायेंगे।

महापौर डॉ. अजय कुमार आज नगर निगम परिसर स्थित सीएलसी कार्यालय में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। उनके साथ उपसभापति मुकेश गक्खड़, पार्षद दिग्विजय चौहान व राजेंद्र कोहली भी थे। महापौर ने बताया कि सीएलसी में 2022 के बाद से कोई रजिस्टेªशन नहीं हुआ है। रजिस्ट्रेशन बुक में काफी लंबे समय तक पृष्ठ खाली छोडे़ गए हैं। 2019 के बाद एक ही दिन में 25-25 रजिस्ट्रेशन किये गए है। कुछ ही तिथियां निर्धारित हैं जिनमें रजिस्ट्रेशन किये जाते रहे हैं। महापौर ने बताया कि 2022 के बाद से इनके पास कोई एंट्री डाटा नहीं है। हैंड बुक में डाटा लिखे गए हैं। इनका पिछला सब डाटा निकाल लिया गया है। महापौर के मुताबिक सीएलसी मैनेजर ने बताया कि उनके पास कर्मचारियों के वेतन, पीएफ आदि का पूर्ण डाटा है। उन्होंने बताया कि सीएलसी का ऑडिट कराया जायेगा।महापौर का कहना है कि कम्पयूटर डाटा गूगल मैप और टाइम के साथ अपडेट किया जाना चाहिए, जो सीएलसी में नहीं किया गया है। इसमें हेराफेरी की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग मिलजुल कर सफाई कर्मियों की भर्ती कराना चाहते थे, जबकि निगम से उनके पास कोई पत्र इस सम्बंध में नहीं भेजा गया है। महापौर डॉ. अजय कुमार ने बताया कि सीएलसी के पास कोई निरीक्षण बुक भी नहीं है, जिससे माना जा सकता है कि सात वर्षो से संचालित सीएलसी का किसी अधिकारी द्वारा निरीक्षण भी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सीएलसी में कोई भी कर्मचारी अपना परिचय पत्र नहीं दिखा सका। एक कर्मचारी ऐसा भी उपस्थित मिला जो निगम की संविदा पर वहां डियूटी दे रहा है।उन्होंने बताया कि किसी भी कार्यालय में लोगों के अधिकार व कर्तव्य अंकित होने चाहिए, लेकिन सीएलसी में ऐसा कुछ नहीं हैं। सूचनाएं भी पर्दे पर या हाथ से लिखकर लगायी गयी हैं। आगन्तुकों के लिए कोई सुविधा भी नहीं है। इसके अलावा भवन की स्थित भी दयनीय है, उसके रखरखाव पर भी ध्यान नहीं दिया गया है।


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