देवउठानी एकादशी पर जमकर सुनाई दी बैंड,बाजा और बारात की गूंज
खूब बजी शहनाइयां, जनपद मे 300 से भी अधिक शादीयाँ होने की खबर
वैवाहिक सीजन मे ख़रीदारी का बाजार गुलजार,बाजारों मे फिर लौटी रौनक
रिपोर्ट अमित मोनू यादव
सहारनपुर-सनातन धर्म मे हिन्दु पंचाग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को देवउठानी एकादशी कहा जाता है। देवउठनी एकादशी से सनातन धर्म में देव शयनी एकादशी से रुके सभी तरह के मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी का मुहूर्त हिंदू धर्म से सबसे बड़ा मुहूर्त माना जाता है।
इस मुहूर्त को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता हैं। वही मांगलिक कार्य के चलते बाजारों में खरीदारी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।शादियों के सीजन के लिए कैटरर्स ,बैंक्वेट हॉल से लेकर टेंट हाउस, बैंडबाजे , डीजे वाले आदि को लेकर या तो बुकिंग फुल हो गई है या बुकिंग चल रही है।प्रमुख व्यापारी नेता और कपड़ा उद्योग से जुड़े नितेश बांगा ने बताया बाजारों में दीपावली के त्यौहार सीजन से ही बाजारों में उत्साह देखने को मिला है।और अब शादियों के सीजन से बाजारों उछाल आया है ग्राहकों की आमद से बाजार गुलज़ार हो रखे है।इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स ,कपड़ा व्यापार,सराफा बाजार आदि सभी दुकान पर ग्राहकों भीड़ देखी जा रही है।मंगलवार को देवउठनी एकादशी के मद्देनजर जनपद सहारनपुर में 300 से भी अधिक शादियों की शहनाइयां गूंजने की खबर मिली है ।ज्योतिषचार्य महंत नीलकंठ शर्मा ने बताया कि इस वर्ष वैवाहिक मुहूर्त की भरमार रही। और 71 से भी अधिक विवाहों के शुभ मुहूर्त रहे जिसके चलते शहनाइयां कीजमकर गूंज सुनाई दी और अभी आगे भी शहनाईयों की गूंज सुनाई देगी। महंत नीलकंठ शर्मा ने बताया कि नवंबर महीने में 3,6,8,9,10,14,17,22,23,24,25,26 और 27 के शुभ मुहुर्त है तो वही दिसंबर माह में 4,5,6,7,12,16,17 18 और 19 को दिसंबर माह के मुहुर्त है।इसके बाद पौष महीने के कारण मांगलिक कार्य पर एक महीने की रोक लग जायेगी।
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