वैज्ञानिक सोच विकसित करना ही वैज्ञानिक प्रदर्शनियों का उददेश्य- मनीष बंसल
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-जिलाधिकारी श्री मनीष बंसल जी की अध्यक्षता एवं मुख्य आतित्थ्य में जिला विज्ञान क्लब सहारनपुर के सौजन्य से नवप्रवर्तन प्रदर्शनी एवं युवा कल्याण तथा नेहरू युवा केन्द्र के सौजन्य से जिला युवा उत्सव मुन्नालाल एण्ड जयनारायण खेमका गर्ल्स कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 178 नवप्रवर्तकों ने अपने मॉडल प्रस्तुत किये जिसमें हैण्डीक्राफ्ट, नवीनीकृत ऊर्जा, स्मार्ट सिटी, चन्द्रयान, डायलेसिस, बाढ अलार्म, मिलेट्स आदि के मॉडल जिलाधिकारी द्वारा सराहे गये।
समापन कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी महोदय एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के द्वारा समस्त निर्णायक मण्डल सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से दीप दीप प्रज्जवलन कर किया। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना ही वैज्ञानिक प्रदर्शनियों का विशेष उददेश्य है। वैज्ञानिक सोच से ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाना सम्भव है। इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति संवेदनशीलता जागृत होती है तथा विद्यार्थियों को नवाचार करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करने का आवाहन किया।जिला विद्यालय निरीक्षक श्री हर्षदेव स्वामी ने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना स्वयं में विजेता बनने की ओर अग्रसर होना है। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि प्रतियोगिता में नवप्रवर्तको द्वारा स्वनिर्मित मॉडल प्रस्तुत किये गये हैं। प्रतियोगिता में विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं पाँच सांत्वना पुरस्कार हेतु कमशः ₹8000, ₹5000, ₹3000 एवं ₹2000 के पाँच पुरस्कार प्रदान किये गये। उक्त राशि नवप्रवर्तकों के खाते में स्थानान्तरित की जायेगी। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। जिला समन्वयक अम्ब्रीष कुमार अपने उद्बोधन में कहा कि भारत प्रातन काल से ही वैज्ञानिक गतिविधियों का वाहक रहा है, हमें पुनः अपने गौरव को प्राप्त करने के लिए विज्ञान को आत्मसात करना आवश्यक है। प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करने, तार्किक क्षमता विकसित करने, कल्पनाशीलता को उच्चीकृत करने, वैज्ञानिक पद्धति के क्रियाकलापों एवं वैज्ञानिक व्यक्तित्व विकसित करना है। प्रतियोगिता का मूल्यांकन निर्णायक मंडल के द्वारा किया गया जिसमें निम्नलिखित निर्णायक मण्डल द्वारा विजेताओं का चयन किया गया।
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