गुरु मर्यादा में रहकर संस्कारो को जीवन में उतारने वाला ही सच्चा सेवक.+गोरधन दास
शामली से नाचते गाते पहुंचे अनुयायियों ने गद्दी पर मत्था टेक लिया आशीर्वाद
रिपोर्ट एसडी गौतम
मोरना.-संत शिरोमणी सतगुरु रविदास स्वरूप सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज की गुरु गद्दी शुक्रताल में मासिक सत्संग का आयोजन सतगुरू स्वामी समनदास जी महाराज को साक्षी मानकर आयोजित किया गया।
सत्संग का शुभारंभ संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी महाराज सतगुरु स्वामी समन दास जी महाराज के श्रीचरणों में आरती वंदना से किया गया। सत्संग में प्रवचन करते हुए गुरु गद्दी शुक्रताल के प्रबंधक महात्मा श्री गोरधन दास जी महाराज ने बताया कि अनेकों योनियों के पश्चात मानव का चोला नसीब होता है जिसमे मानव को अच्छे बुरे का पता चलता है लेकिन वर्तमान समय मनुष्य बुरे कार्यों में फंसकर गुरुमार्ग से दूर होकर अपने जीवन को धोखा दे रहा है, क्योंकि गुरु के बिना जीवन अंधकारमय है। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज ने गुरु मर्यादा को सर्वोपरी बताया है गुरु मर्यादा का उल्लंघन करने या गुरु मार्ग में रुकावट करने वाला नर्क का भागीदार होता है इसलिए हम सभी को गुरुमार्ग पर चलते हुए शिक्षा और संस्कारो को जीवन में उतारना चाहिए और रास्ते में आने वाली सभी रूकावटो से पार पाना चाहिए है। सत्संग से पूर्व पड़ोसी जनपद शामली के खेड़ी करमू व अन्य जगहों से नाचते गाते पहुंचे अनुयायियों ने गुरु चरणो में पूजा अर्पित कर आशिर्वाद प्राप्त किया। सत्संग में विचार रखते हुए अलका सिंह व पत्रकार एसडी गौतम ने कहा कि जीवन में गुरु का अहम रोल होता है जिससे मानव की बुद्धि का बेहतर विकास होता है। इसलिए जीवन में गुरु को महत्व देना चाहिए। संचालन महात्मा मोनू दास व धर्मपाल दास ने किया। इस दौरान सतेन्द्र गौतम एडवोकेट, देवीदास, संदीप दास, भारत भूषण, अनिल कुमार, हरिश्चंद्र, श्रीनिवास, रामबीर, सोनू टपरी, राकेश निवादा, डॉ० बाबरा, वेदप्रकाश, गुरुवचन, प्रवीण डाबरा, मुकेश कुमार, संदीप डाबरा, जोगेंद्र व छोटी समेत सैकड़ो अनुयाई मौजूद रहे।
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