सीता स्वयंवर का मंचन देखकर श्रद्धालु हुऎ भाव विभोर
रिपोर्ट रवि बख्शी
सहारनपुर- श्री राधा कृष्ण मंदिर क्लब गांधी पार्क द्वारा आयोजित राम लीला के चौथे दिन पुष्प वाटिका और सीता स्वयंवर की सुंदर लीला का मंचन किया गया जिसे देखकर सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
गुरु विश्व मित्र की आज्ञा लेकर दोनों भाई पुष्प वाटिका देखने जाते हैं तभी राम और सीता दर्शन कर मन ही मन हर्षित होते हैं ।राजा जनक ने सीता स्वयंवर में शर्त रखी की जो शिव धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ सीता का विवाह किया जाएगा। बाणासुर (संकल्प नैब) जब रावण बने आशु सहगल से परिचय पुछते हैं तो वह क्रोध से तमतमा उठता है और फिर यहीं से रावण और बाणासुर का संवाद शुरू होता है दोनों के संवादों को सुनकर राम भक्त रोमांचित हो उठे। रावण सहित कोई भी बलशाली राजा शिव धनुष उठा नहीं पाते। विश्वामित्र की आज्ञा से भगवान राम शंकर जी के विशाल पिनाक धनुष को उठाकर तोड़ देते हैं। धनुष भंग होते ही जय श्री राम के जयकारे से पुरा पंडाल गुंज उठा ।
इसके बाद परशुराम (विनय वत्स)लक्ष्मण (कुषागृ नैब)के ओजस्वी संवादों को सुनकर सभी श्रद्धालु रोमांचित होकर तालियां बजाने लगे।रविंद्र गोसाई व आनंद कुमार के कुशल निर्देशन में श्री राम उद्धव कोदंड, सीता सोफिया,राजा जनक अनुज जैन ,विश्वामित्र सूर्य अवस्थी,शूरवीर राजा बने जगमोहन ,विशाल ,भाट तरुण, सागरऔर सखी बनी सपना, भावना के अलावा गुरु हर्षित ने प्रभावशाली अभिनय किया। लीला में मुख्य रूप से प्रधान चौधरी जोगेंदर कुमार ,राकेश कुमार शर्मा, गुरमीत सिंह शंट्टी, विक्रांत सैनी ,विकास शर्मा, लखजीत सिंह ,रंजन करल ,ब्रज मोहन वत्स, अनुज वत्स,चंडी प्रसाद,माधव वत्स, सचिन घई, नवदीप आनंद आदि मौजूद रहे। राम लीला का सफल संचालन रमेश चंद्र छबिला व राकेश वत्स ने किया।
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