शिक्षक संघ की मांगे नहीं मानी जडे़गे कार्यालयों पर ताला-डा.अशोक मलिक
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने कहा कि आरएटी0एई0 के अन्तर्गत 25 प्रतिशत निःशुल्क गरीब दुर्बल, वर्ग के बच्चो को प्री-प्राईमरी की तीनो कक्षाओं की फीस प्रतिपूर्ति और ड्रेस एवं किताबों की प्रति वर्ष की धनराशि दी जाये एवं गतवर्षों का बकाया भुगतान किया जाये, आर0टी0ई0 के छात्र /छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति अन्य प्रदेशों में 800 से लेकर 2500 तक प्रतिमाह दी जाती है। इस प्रकार इसी के अनुरूप 11 माह के अलावा 12 माह का फीस प्रतिपूर्ति दी जाये, अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी फीस प्रतिपूर्ति की धनराशि बढाई जाये। निजी विद्यालय स्वयसेवी संस्थाओं द्वारा बिना लाभ हानि के संचालित किये जाते है। इसलिए बिजली का बिल, हाऊस टैक्स /वाटर टैक्स, स्कूल गाडी की फिटनस व परमिट आदि माफ किये जाये, आर0टी0ई0 का 25 प्रतिशत छात्रों के सापेक्ष मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को वेतन मान परिषद के शिक्षकों के समक्ष दिया जाये।प्रदेश सचिव अमजद अली एडवोकेट, जिलाध्यक्ष के.पी.सिंह, महानगर अध्यक्ष गयूर आलम ने संयुक्त रूप से कहा कि निजी विद्यालयों के शिक्षक यू डाईस पोर्टल पर रजिस्टर्ड अध्यपकों को शिक्षक सीट पर वोट का अधिकार दिया जाये, यू डाईस पोर्टल पर डाटा फीड करने के लिए निजी विद्यालयों को कम्प्यूटर व ओपरेटर दिये जाए, यू डाईस पोर्टल पर विद्यालयों को पूर्ण अधिकार दिया जाए। जिससे छात्रों का नाम व उसकी कक्षा सहित सभी डाटा अंकित किया जा सके, और कार्यालय स्तर पर बढते हुए भष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके, ग्रामीण आंचल के पिछडे क्षेत्र में मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित ना हो तो 90 प्रतिशत महिलाएँ शिक्षा से वंछित रह जायेगी। इस प्रकार 9/4 की मान्यता (कंडीशनल) मान्यता देने के उपरान्त मानक पूरे किये जाते थे। इस प्रकार 9/4 की मान्यता बहाल की जाये।
जिला मंत्री वजाहत अली खान, सफराज खान व अमर रणा, अजय सिंह रावत ने कहा कि त्रिभाषा संस्कृत उर्दु अध्यापक भूख-मरी के कगार पर है। इस प्रकार त्रिभाषा अनुंदान अविलम्बी बहाल किया जाये, नवीन मान्यताऐं एक वर्ष के लिए दी जाती है। नोएडा से पहुंचे शिक्षक नेता प्रो. कुलदीप मलिक व नारायण सिंह ने कहा कि मान्यता के नवीनीकरण में भष्टाचार को बढावा मिलता है। इस प्रकार प्रथम समय में ही बेसिक कक्षाओं की मान्यता दी जाये, निजी स्कूलों द्वारा 95 प्रतिशत बच्चे पढाये जाते है। इस प्रकार राज्यपाल एवं राष्ट्रपति अवार्ड निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी दिया जाये, उत्तर प्रदेश के लगभग 800 संस्कृत विद्यालय बन्द होने के कगार पर हैं। संस्कृत को बढावा देने के लिए नवीन मान्यता के मानक सुलभ कर अनुदानित व मानदेय दिया जाये, मदरसा आधुनिकरण के शिक्षकों एवं मान्यता प्राप्त शिक्षकों को एक समान मानदेय बहाल किया जाये, मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूलों एवं मदरसों के छात्र /छात्राओं की एक समान छात्रवृत्ति बहाल की जाये, जिला स्तर पर आयोजित सभी प्रतियोगिताओं में निजी स्कूलो की सहभागिता सुनिश्चित की जाये, खण्ड शिक्षा अधिकारी, मुजफ्फराबाद विरेन्द्र और खण्ड शिक्षा अधिकारी, बलियाखेड़ी, सुरेश त्यागी का आचरण सदिग्ध है और भष्टाचार में लिप्त रहते है। उच्च स्तर जॉच कराकर अविलम्ब स्थानान्तरण किया जाये, पैन नम्बर नही होने पर स्कूलों में प्रवेश के लिए न रोका जायें, और जनपद स्तर पर टी.सी. काउन्टर साईन के लिए बाध्य न किया जाये, इससे भष्टाचार बढता है। इसके अलावा धरने को किसान नेता भगत सिंह वर्मा, प्रकाश पाण्डेय, बुरहान अली, जितेन्द्र गोरियान, समेश पंवार, जयपाल सिंह प्रदीप गुप्ता, मेहताब अली, सतीश शर्मा, विक्रान्त शर्मा, जहीर तुर्की, मौ.अरशद, धनवीर सिंह, जयपाल सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।प्रदर्शनकारियों में विक्रान्त शर्मा, गौरव शर्मा, शिव कुमार मालियान, ऋषिपाल, जनक सिंह, संदीप कुमार, मौ.मुस्तजीर, शाहनवाज, शराफत अली, विपिन धीमान, पृथ्वी सिंह, सुरेश, शीशपाल, अशोक कुमार, दिनेश कुमार, आशीष चौधरी, हर्षित चौधरी, मा.ओमपाल सिंह, यशपाल सिंह, मौ.अहमद, प्रवेज,अरूण कुमार, संजय रोहिला, आकाश कर्णवाल, महेश कुमार, प्रमोद कुमार, अजीत सिंह, मौ.सत्तार, श्याम सिंह शास्त्री, विक्रम सिंह, शान-ऐ-इलाही शमसी, नरेन्द्र कुमार, संजय शर्मा, जावेद, सचिन कुमार, अतर सिंह, सुरेश चन्द, अजय सैनी, सुदेश सैनी, हाशिम मलिक,पूजा कश्यप, रिया, ईशा, रश्मि, अनुष्का, कल्पना, शिल्पा, श्रीमती उमा बाठला, नेहा, देवेन्द्र, अनिल सचदेवा,मंसूर अहमद आदि भारी संख्या शिक्षक शामिल रहे।
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