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बाली - सुग्रीव के घनघोर युद्ध को देखकर दर्शक हुऎ रोमांचित

 बाली - सुग्रीव के घनघोर युद्ध को देखकर दर्शक हुऎ रोमांचित

शबरी लीला व हनुमान प्रस्थान का मनोहारी मंचन

रिपोर्ट-रवि बख्शी

सहारनपुर -श्री राधा कृष्ण मंदिर क्लब के तत्वाधान में गत रात्रि शबरी के बेर, सुग्रीव मित्रता बाली वध का मनोहारी मंचन किया गया।

श्री राम व लक्ष्मण माता शबरी की कुटिया पर पहुंच जाते हैं जहां शबरी श्री राम को चख कर मीठे मीठे बेर खिलाकर स्वागत किया। राम कहते हैं लक्ष्मण प्रेम में कोई बड़ा छोटा नहीं होता है ।भगवान राम शबरी के आग्रह पर नवधा भक्ति का उपदेश देते हैं। माता शबरी श्री राम को बताती है कुछ दुर ऋषिमूक पर्वत है जहां महाराज सुग्रीव और उनकी सेना रहती है भगवान राम व लक्ष्मण पर्वत पर पहुंचते हैं । दोनों को देखकर सुग्रीव चिंतित हो उठे उन्होंने हनुमान जी को उनकी वस्तविकता का पता लगाने के लिए भेजा ब्रह्मन वेश में हनुमान जी दोनों से मिलते हैं परिचय जानने के बाद दोनों को अपने कंधों पर बैठाकर ऋषिमूक पर्वत पर ले आते हैं ।उनकी हनुमान व सूग्रीव से मित्रता हो जाती है। भगवान राम के कहने पर सूग्रीव अपने बड़े भाई बाली को ललकारता है पहली बार हारने के बाद राम सूग्रीव को दोबारा युद्ध करने के लिए भेजते हैं दूसरी बार पेड़ की आड में छिप कर बाली का वध कर देते हैं ।बाली और सुग्रीव का भयंकर मल युद्ध होता है इस घनघोर युद्ध को देखकर पंडाल में बैठे सभी दर्शक रोमांचित हो गए। प्रभु श्री राम सुग्रीव को किष्किंधा का राजा और अंगद को युवराज बना देते हैं।

आनंद कुमार व रविंद्र गोसाई के सफल निर्देशन में श्री राम उद्धव कोदंड, लक्ष्मण कोषागृ नैब, हनुमान मनवीर सिंह, बाली प्रथम वत्स, सुग्रीव नितिन ,शबरी सपना, तारा भावना, जटायु अशीष जैन ने बहुत ही मनमोहक अभिनय किया जिनको देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक व व्यापारी वर्ग के लोग लीला में पहुंचे। लीला में मुख्य रूप से प्रधान चौधरी जोगेंद्र कुमार, विक्रांत सैनी ,राजीव ठाकुर, लखजीत सिंह ,विपिन सलूजा, सचिन घई, सनी नागपाल ,गगन भंडारी, गगन सैनी, हार्दिक खुराना, रवि बख्शी,ब्रिजमोहन वत्स, राकेश शर्मा,राजन करल, सार्थक जयस्वाल, स. गुरमीत सिंह संकल्प नैब, इतनखुराना आदि उपस्थित रहे। राम लीला का संचालन रमेश चंद्र छबिला ,राकेश वत्स व विनय वत्स ने किया। 


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