साहित्यकार वीरेन्द्र आज़म की किताब का वाराणसी में लोकार्पण
साहित्यकार बलराम के साहित्य और व्यक्तित्व पर आधारित है किताब
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- सहारनपुर के साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र आज़म की किताब ‘‘कथेतर गद्य शिल्पी बलराम’’ का लोकार्पण नादी ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘‘डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय स्मृति समारोह’’ में किया गया। लोकार्पण संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान राधा वल्लभ त्रिपाठी, 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक व प्रख्यात कहानीकार गोविंद मिश्र, देश के प्रख्यात कहानीकार बलराम, आचार्य रामचंद्र शुक्ल की पौत्री प्रख्यात साहित्यकार डॉ. मुक्ता, आलोचक व समीक्षक ओम निश्चल, जनकवि नरेंद्र पुण्डरीक, नान्दी ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. शशिकला पाण्डेय तथा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष यशोरत्न पाण्डेय द्वारा वाराणसी में किया गया। समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार राधा वल्लभ त्रिपाठी और साहित्य अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव को नान्दी पत्रिका की ओर से एक लाख रुपये का ‘सृजन शिखर सम्मान’ भी दिया गया।
सर्वभाषा ट्रस्ट नई दिल्ली’ से प्रकाशित पुस्तक ‘‘कथेतर गद्य शिल्पी बलराम’’ का फ्लैप साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत प्रख्यात साहित्यकार अनामिका ने लिखा है। उनके अलावा वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी, नासिरा शर्मा, करुणाशंकर उपाध्याय, हरिमोहन शर्मा, कमलेश भट्ट कमल, विनय दास, बी एल आच्छा, महेश दर्पण, विवेक मिश्र और अमरेंद्र मिश्र सहित अनेक साहित्य मनीषियों ने बलराम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर जमकर कलम चलायी है।पुस्तक पर बोलते हुए साहित्यकारों ने कहा कि संपादक डॉ. वीरेन्द्र आज़म ने पुस्तक में जहां बलराम की हर विधा से पाठकों का परिचय कराया है, वहीं बलराम का व्यक्तित्व भी हरफ-हरफ खुला है। पुस्तक में बलराम के संस्मरण, आत्मवृत्त, ग्रामीण जीवन पर उनकी लंबी कहानी ‘सामना’, दांपत्य जीवन पर केंद्रित लघु कथा ,जीवन के रंगों पर व्यंग्य ‘ग्रेट आइडिया’, उपन्यास ‘कारा’ का अंश, यात्रा वृत्त ‘धरती के स्वर्ग में चार दिन’, हबीब तनवीर से उनकी भेंटवार्ता और बलराम से राकेश शर्मा की बातचीत सहित ढेरो सामग्री शामिल हैं। संपादक डॉ. वीरेन्द्र आज़म ने बताया कि पाठकों की सुविधा के लिए किताब अमेज़न पर भी उपलब्ध है।
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