तरुण अरोड़ा" रामदूत"अपनी निजी जिन्दगी में भी श्री राम व बजरंग बली से प्रभावित
रिपोर्ट रवि बक्शी
सहारनपुर - सालों से हनुमान जी का स्वरूप धारण करने की परंपरा चली आ रही है। आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों के पास वक्त नहीं है तब भी ऐसे भक्त हैं जो अपना व्यवसाय छोड़कर दशहरे के 40 दिन पहले से इस परंपरा को निभाना शुरू कर देते हैं सबसे बड़ी बात यह है की इस दौरान ब्रह्मचार्य का सख्ती से पालन किया जाता है साथ ही जमीन या लकड़ी के तख्त और सोना पड़ता है।
पिछले दो साल से हनुमान जी का स्वरूप तरुण अरोड़ा " रामदूत" बनते हैं उन्होंने बताया मैं पूरी श्रद्धा व नियम को मानते हुऎ यह स्वरूप बनता हूं इन दिनों सात्विक भोजन करता हूं। आगामी 10 अक्टूबर को श्री सिद्ध पीठ मंशा पूर्ण हनुमान मंदिर समिति द्वारा शोभा यात्रा निकाली जायेगी। स्वरूप धारण के पीछे मेरा उदेश्य राम भक्त हनुमान के आदर्शों का प्रचार प्रसार करना समाज में फैली कुरूतियां दूर हो सके। उन्होंने मुझे बताया 7 साल पहले कांग्रेस कमेटी गुरुद्वारा रोड की रामलीला पर दो साल हनुमान जी की भूमिका भी निभायी आगे भी सेवा मिलेगी तो हनुमान जी रोल करना चाहते है। 11 अक्टूबर को श्री आशुतोष राम लीला समिति की शोभा यात्रा में राम जी के साथ ही हनुमान जी के मुकुटमुखोटा पहन कर साथ जाएंगे।तरुण ने सभी गुरुजनो का आभार भी व्यक्त किया जिन्होने उनको राम लीला में मार्गदर्शन किया। अपनी निजी जिन्दगी में भी वह भगवान श्री राम व बजरंगबली से काफी प्रभावित है।
रिपोर्ट :रवि बख्शी
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