अखंड सुहाग का पर्व करवा चौथ कल, सुहागिनें रखेगी व्रत
करवा चौथ:सोलह श्रृंगार कर पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि की करेगी कामना
सूर्योदय से चंद्रोदय तक रहेगा निर्जला व्रत ,अखंड सुहाग की होगी प्राप्ति
खरीदारों से गुलजार रहे महानगर के बाजार,जमकर हुई खरीदारी
रिपोर्ट-अमित यादव मोनू
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थ तिथि को मनाए जाता है करवा चौथ का पर्व। करवा चौथ वाले दिन का सुहागिने स्त्रियाँ पूरा साल बेसब्री से इंतजार करती है और करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार कर अपने पतियों की दीर्घायु और उनके मंगल की कामना के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत निर्जला उपवास रखती है महिलाएं चांद निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ अपने पति के हाथों पानी पीकर इस व्रत को पूर्ण करती है। करवा चौथ का व्रत निर्जल होने के कारण काफी कठिन माना जाता है।मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय रहता है और सुहागन महिलाओ को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।तथा वैवाहिक जीवन मे सुख समृद्धि का वास होता है।
क्यों होती है चंद्रमा की पूजा ?
चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और पति की आयु भी लंबी होती है
करवा चौथ व्रत की पूजा और शुभ मुहूर्त
महंत पंडित नीलकंठ शर्मा ने बताया कि करवा चौथ का पूजन का शुभ मुहुर्त दोपहर 5 बजकर 42 मिनट से 7 बजकर 18 तक है।वही चंद्रोदय का समय पंचांग के अनुसार सहारनपुर में 7बजकर,42 मिनट है जो विभिन्न जनपदों के लिए अलग हो सकता है।
छलनी में चांद और पति का चेहरा देखने का महत्त्व
करवा चौथ के दिन चांद और पति को छलनी से देखने को लेकर यह मान्यता है कि छलनी में हजारों छेद होते हैं, जिससे चंद्रमा दर्शन करने से छेदों की संख्या जितने प्रतिबिंब दिखते हैं. उसके बाद पति को छलनी से देखा जाता है तो पति की उम्र भी उतनी ही गुना बढ़ जाती है. इसलिए करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा और पति को देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि इस विधि के बिना यह व्रत अधूरा होता है। करवा चौथ पर बाजारों में जमकर हुई खरीदारी करवा चौथ को लेकर महानगर में विभिन्न बाजार में खरीदारों को विशेषकर महिलाओं को लुभाने के लिए ज्वैलरी से लेकर कपड़े मेकअप , श्रृंगार आदि के सामान पर नए नए आफर दिए गए।जिस कारण भी बाजारों में रौनक देखने को मिली।बीते एक सप्ताह से बाजार खरीदारों से गुलजार रहा जिस कारण दुकानदारों के चेहरे खिले रहे।महानगर के मुख्य बाजार नेहरू मार्केट,शहीदगंज ,रायवाला,सराफा बाजार,हलवाई हट्टा,घंटा घर,नए बाजार आदि जगह पर कपड़े, शृंगार का सामान, आभूषणों से लेकर मिठाइयां आदि के अच्छी खरीदारी देखने को मिली।
0 टिप्पणियाँ