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रावण के दरबार में पराक्रमी अंगद ने जमाया पैर

 रावण के दरबार में पराक्रमी अंगद ने जमाया  पैर

रिपोर्ट; रवि बख्शी

सहारनपुर - गांधी पार्क स्थित राधा कृष्ण मंदिर क्लब के तत्वावधान में चल रही रामलीला में आनंद कुमार व रविंद्र गोसाई के शानदार निर्देशन में अंगद - रावण संवाद व रामसेतु की लीला का मनोहारी मंचन किया गया। 

गत रात्रि मंचन में दिखाया गया है की विभीषण अपने भाई रावण का समझाते हैं वह श्री राम से संधि कर उनकी शरण में जाए और सीता जी को लौटा दे इस पर रावण क्रोधीत होकर उन्हें लात मार कर दरबार से बाहर कर देता है इसके बाद विभीष्ण श्री राम के पास जाकर शरण लेते हैं श्री राम ने स्नेह से विभीषण को गले लगा लिया। इसके बाद राम सेतु लीला का मंचन होता है उसके बाद भगवान श्री राम ने सभी वीर वानरों से पूछा युद्ध में रक्तपात के अतिरिक्त कुछ ना होगा आगे हमें क्या करना चाहिए तब जामवंत ने सुझाव दिया कि अंगद को रावण की सभा में शांति दूत बनाकर भेजा जाए यदि रावण समझाने से मानता है तो अच्छा है। श्री राम की अनुमति पर अंगद जय श्री राम का जय घोष करते हुए लंका की ओर चल पड़े। अंगद ने रावण को धर्म नीति, राजनीति आदि बातों से समझाया अभी समय है अपने कुल का नाश होने से बचा लो माता सीता श्री राम को लौटा दो। युवराज अंगद ने श्री राम का नाम लेकर अपना पैर इतने वेग से पृथ्वी पर जमाया की पूरा दरबार कांप  उठा वहां उपस्थित सभी महाबली मंत्रियों ने अंगद का पैर हटाने का भरसक प्रयत्न किया किंतु पसीने से सराबोर हो हाफते हुए अपने स्थान पर वापस आ बैठे। वीर रस से भरा अंगद संकल्प नैब, रावण आशु सहगल के संवादों को दर्शकों ने खूब आनंद लेते हुए जमकर तालियां बजायी। श्री राम उद्धव कोदंड, लक्ष्मण कोषागृ नैब,  सीता सोफिया, विभीषण अनुज जैन, मेघनाथ सूर्य अवस्थी, नागा शौर्य नैब  के अभिनय को सभी ने सराहा। लीला में मुख्य रूप से प्रधान चौधरी जोगेंद्र कुमार, पूर्व सांसद राघव लखन पाल शर्मा ,सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा ,मतिइश्वर चानना, नवदीप आंनद, विक्रांत सैनी, राकेश कुमार शर्मा, गुरमीत सिंह, आशीष खुराना, आदि उपस्थित रहे। लीला का सुंदर संचालन रमेश चंद्र छबिला ,राकेश वत्स व विनय वत्स ने किया। 

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