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आईसीसीसी कैमरे पहुंचा रहे अपराधियों की गर्दन तक कानून के हाथ

आईसीसीसी कैमरे पहुंचा रहे अपराधियों की गर्दन तक कानून के हाथ

बच्ची की अपहरणकर्ता महिलाओं तक पहुंचने में भी रही कैमरों की भूमिका

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर-अपराधों के खुलासे और अपराधियों की गर्दन तक कानून के हाथ पहुंचाने में आईसीसीसी के कैमरे अहम भूमिका निभा रहे हैं। ट्रेन से दो वर्षीय बच्ची का अपहरण करने वाली दो महिलाओं तक पुलिस को आईसीसीसी के कैमरों ने ही पहुंचाया है। ज्ञात हो नगर निगम में आईसीसीसी(इंटेग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर) की स्थापना की गयी है। महानगर में लगाये गए करीब 800 कैमरों से आईसीसीसी के जरिये पूरे महानगर के यातायात व अन्य निगरानी की जाती है। 

घटनाक्रम के मुताबिक 18 अक्तूबर की रात हावड़ा-अमृतसर मेल (ट्रेन नं. 13005) से संगरुर (पंजाब) निवासी आरुन खां अपनी पत्नी और दो वर्षीय बच्ची के साथ धामपुर से अपने घर संगरुर जा रहे थे। सफर में उन्हें नींद आ गयी। रात एक बजकर 32 मिनट पर ट्रेन सहारनपुर स्टेशन पर पहुंची तो आंख खुलने पर उक्त दम्पत्ति ने देखा कि उनकी बच्ची उनके पास नहीं है। इस पर उन्होंने तुरंत थाना जीआरपी को शिकायत की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कैमरे खंगालने शुरु किये। कैमरों में दो बुर्कानशी महिलाएं स्टेशन पर बच्ची को ले जाते हुए दिखायी दी।आईसीसीसी में तैनात सिपाही कपिल कुमार शर्मा ने बताया कि आईसीसीसी कंट्रोल रुम के कैमरों से देखा गया कि रात 02.05 पर दोनों महिलाओं ने अग्रसेन चौक से ऑटो लिया। रोडवेज बस स्टैण्ड पर लगे कैमरों से रात 02.06 मिनट पर घण्टाघर की ओर जाते हुए देखा गया। घण्टाघर पर पहुंचकर दोनों महिलाएं ऑटो से उतर कर एक काले रंग की निशान मैग्नेट कार में बैठ गयी। यह जानकारी पुलिस को ऑटो चालक ने दी। इस जानकारी पर पुलिस ने कैमरों से उक्त काली कार का पीछा किया। उक्त कार 02.18 पर अम्बाला रोड बस स्टैण्ड पर, 02.19 पर फायर स्टेशन, 02.20 पर थाना कुतुबशेर और 02.21 पर कल्पना तिराहे पर दिखायी दी।आईटी ऑफिसर मोहित तलवार ने बताया कि कल्पना सिनेमा पर एएनपीआर कैमरे लगे है जिनसे वाहनों के नंबर डिटेक्ट किये जा सकते हैं। यह कैमरे पुलिस के लिए विशेष रुप से लाभकारी साबित हुए। कपिल कुमार ने बताया कि कल्पना सिनेमा पर उक्त गाड़ी का नंबर एचआर 85 जी/0195 डिटेक्ट हुआ। वाहन नंबर ज्ञात होने पर वाहन स्वामी का और उससे ड्राइवर का पता लगाया गया। और इस तरह पुलिस ने ड्राइवर के माध्यम से अपहरणकर्ता महिलाओं तक पहुंचकर बच्ची बरामद कर ली और उसे परिजनों को सौंप दिया। और इस तरह आईसीसीसी कैमरों की मदद ने 48 घण्टे के भीतर ही जीआरपी ने अपहरण की इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर दिया। 

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