घाड क्षेत्र की समस्याओ को संसद में मजबूती से उठाने का करेंगे काम- सांसद इमरान मसूद
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
बेहट भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन एवं घाड़ क्षेत्र मजदूर मोर्चा के नेतृत्व मे क्षेत्र कि मूलभुत समस्याएं एवं वन अधिकार अधिनियम को प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे सहारनपुर एवं कैराना सांसद को मांग पत्र सौंपा गया।
गुरुवार को बेहट तहसील के गांव नागल माफ़ी मे अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन एवं घाड़ क्षेत्र मजदूर मोर्चा के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम मे सहारनपुर सांसद इमरान मसूद एवं कैराना सांसद इकरा हसन को क्षेत्र कि मूलभुत समस्याएं एवं वन अधिकार अधिनियम को प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमे संगठन द्वारा मांग कि गयी कि दिसम्बर 2006 को देश लोकसभा ने ये स्वीकार किया था कि जंगल पर निर्भरशील समुदाय के साथ पिछले 60 वर्षों में अन्याय हुआ है जिसकी वजह से इस समुदाय को पूर्ण आजादी नहीं मिली है। 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी वन अधिकार अधिनियम कानून का प्रभावी किरयान्वयन नहीं हुआ है। वन अधिकार कानून और नियमावली 2007 के अनुसार ग्राम सभा को संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई है परंतु शासन प्रशासन इस बात को नहीं मानते हैं। सामुदायिक दावा करने का अधिकार वन अधिकार कानून के मूल अधिकारों में निहित है जिस्म 13 अधिकार शामिल है जिनमे 10 सामुदायिक एवं तीन अधिकार व्यक्तिगत है। शासन प्रशासन इसको नहीं मान रहे हैं वह सिर्फ इसको पट्टे के रूप में देख रहे हैं जबकि यह कानून भूमि अधिकार को सुनिश्चित करता है ना कि पट्टे को पट्टा अस्थाई होता है जबकि वन अधिकार कानून में कहीं भी पट्टे का उल्लेख नहीं है वहां पर अधिकारों को मान्यता दी गई है। ग्राम सभा से चर्चा किये बिना वन विभाग के हस्तक्षेप से गैर कानूनी ढंग से शासन प्रशासन दवा पत्र को खारिज करते हैं जोकि वन अधिकार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है जो कि स्वीकार्य नहीं है क्योंकि वन अधिकार कानून में ग्राम सभा को सर्वोच्च माना गया है। वन गुर्जर टोंगियों व हकदारी गाँवो मे सामुदायिक अधिकारों सुनिश्चित कराने कि मांग कि गयी। जिस पर दोनों सांसद इमरान मसूद व इकरा हसन ने संगठन को आश्वासत करते हुए कहा कि उनकी समस्याओ को वह मजबूती से संसद मे उठाने का काम करेंगे और मजबूती के साथ संगठन के द्वारा कि गयी मांग के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। और हर आंदोलन में संगठन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का काम करेंगे। इस मौक़े पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सुकालो, अशोक चौधरी, रुमा, मुन्नी लाल, नईम अहमद, राखी, रिहाना प्रवीन, तिलक राज भाटिया, शकील अहमद, माता दयाल, अनीता, मीर हमजा, मियाँ पिरु, एम.ए. काज़मी, अली जान मलिक, आबिद मलिक, गुलबहार अब्बासी, ताहिर पहलवान, चौधरी इनाम, तालिब गुलाम नबी आदी मौजूद रहे।
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