रामलीला में हुआ ताड़का वध का खोफनाक मंचन,भयानक ताड़का को देखकर महिलाऐं बच्चे सहमे
मारीच, सुबाहु व अन्य राक्षसों द्वारा किए जा रहे अत्यचारों से दुखी होकर मुनि विश्व मित्र महाराजा दशरथ के दरबार में जाते हैं राम लक्ष्मण को उनकी व यज्ञ की रक्षा के लिए भेजने को कहते हैं बोझिल् मन से दशरथ आज्ञा प्रदान करते हैं। महर्षि विश्वामित्र दोनों को घनघोर दंडक वन में ले जाते हैं वंहा राक्षसी ताड़का का वास होता है। ताड़का का भयानक रूप देखकर कई बच्चे अपनी माताओं की गोद में जा छुपे थे। रविंद्र गोसाई व आनंद कुमार के सफल निर्देशन में ताड़का का वध देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। ताड़का वध होने पर पुरा पंडाल जय श्री राम के जयकारो से गुंज उठा। श्री राम का अभिनय उद्धव कोदंड, लक्ष्मण कुषागृ नैब, दशरथ संकल्प नैब, कौशल्या सपना,गुरु वशिष्ठ अनुज जैन, ताड़का बनी वरिष्ठ कलाकार दीपक ने जानदार किया। राम लीला में मुख्य रूप से प्रधान चौधरी जोगेंद्र कुमार, विक्रांत सैनी, विकास शर्मा ,सरदार गुरदीप सिंह शंटी, राजन, पंडित अनिल कोदंड,हार्दिक खुराना, भारत खन्ना, गगन चाँदना, इतिन खुराना आदि उपस्थित रहे। श्री रामलीला का संचालन रमेश चंद्र छबीला में विनय वत्स ने किया।
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