महफिल ए कव्वाली में फनकारों ने अपने कलाम से समा बांधा
महापौर व नगर विधायक ने किया महफिल ए कव्वाली का उद्घाटन
महफिल ए कव्वाली में दिल्ली से आए आमिल-आरिफ़ साबरी ने महफिल का आगाज़ नात ए पाक ‘नबी जान नबी है’ से किया। इसके बाद उनके कलाम ‘तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी’ पर श्रोता झूम उठे। दिल्ली से ही आई सनम साहिबा ने ‘तुम्हे पाया है ज़माने से किनारा कर के’ पेश किया। सहारनपुर के नौशाद-शहजाद साबरी ने अपना कलाम ‘तेरा शीशे सा बदन’ पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। पब्लिक की डिमांड पर दुबारा बुलाए गए अमिल आरिफ़ ने ‘सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे’ आदि कई कलाम पेश किए। इसके बाद नौशाद-शहजाद साबरी ने ‘रंग लाई पिया गया’ तथा सनम साहिबा ने ‘मेरा दिल ये पुकारे आजा’ आदि की प्रस्तुति से महफ़िल लूट ली। बारिश में भीगते हुए बड़ी तादाद में श्रोता जनमंच पहुंचे और देर रात तक कव्वालियों पर मंत्रमुग्ध होकर झूमते रहे।
इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक मौ.आसिफ, गुलजेब खां व सहसंयोजक सैय्यद मशकूर ने विधायक राजीव गुंबर, महापौर डॉक्टर अजय सिंह मोनिस खान, सीआईएस के चौयरमैन रविंद्र मिगलानी, समाजसेवी कुलदीप धमीजा, सागर गुप्ता, रश्मि टेरेंस, विनय जिंदल, मेला वाइस चेयरमैन और पार्षद ज्योति अग्रवाल ,पार्षद मंसूर बदर, मयंक गर्ग, इज़हार मंसूरी, जफर अंसारी, पार्षद प्रतिनिधि सईद सिद्दीकी, के अलावा नदीम अंसारी, डॉ. खालिद, मोहम्मद यूनुस, खालिद हसन, जगदीप कुमार, विकास कपिल, संजू सिंह, अमित गुप्ता, शमीम अहमद, विनीत शर्मा,सचिन जैन, आदि को सम्मानित किया। संचालन मोहम्मद युनुस और जावेद अख्तर ने किया।
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