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राजा हो या रंक दोस्ती में सभी बराबर-गोस्वामी ऊधो जी

राजा हो या रंक दोस्ती में सभी बराबर-गोस्वामी ऊधो जी

रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक 

रामपुर मनिहारान-कथा वाचक गोस्वामी ऊधो जी महाराज ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही संस्कार देना शुरू कर देना चाहिए ताकि वे संस्कारवान बन सकें। बचपन में दिया गया संस्कार बच्चे कभी भूल नहीं सकते। उन्होंने कहा कि बच्चों की पहली गुरु माँ होती हैं। 

शुक्रवार को खादी आश्रम के मैदान में श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं को अमृत वर्षा का रसपान कराते हुए कथा वाचक गोस्वामी ऊधो जी महाराज वृंदावन वाले ने श्रीकृष्ण सुदामा की दोस्ती पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजा हो या रंक दोस्ती में सभी बराबर हैं। सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे, लेकिन दिल से अमीर थे। सुदामा और कृष्ण जैसी मित्रता आज कहां है। सुदामा से श्रीकृष्ण ने मित्रता का धर्म निभाया। जिनके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। दोस्ती में जात पात, ऊंच नीच, अमीर गरीब नहीं देखा जाता है। मित्रता को सच्चे मन से निभाने की जरूरत होती है। दोस्ती में स्वार्थ नहीं होनी चाहिए। इससे दोस्ती में दरार पैदा हो जाती है। मित्रता का धर्म निभाएं। सुख-दुख में भागीदारी हों। उन्होंने  गाय की सेवा करने के लिए भी श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। कथा का उदघाटन नगर पंचायत चेयरपर्सन प्रतिनिधि कुलदीप बालियान व दीप प्रज्ज्वलित रविन्द्र चौधरी ने किया।  महिलाओं ने गीतों पर जमकर नृत्य किया। कथा में मॉर्निंग वॉक ग्रुप के अध्यक्ष संदीप मित्तल, विजय शर्मा,मनोज शर्मा बॉबी, पदम सिंह एडवोकेट, विजय आनंद, हरिओम शर्मा, नीरज शर्मा, श्यामलाल, जुगमेंद्र रावत, सागर,आदि का सहयोग रहा।

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