मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर दी जानकारी
सीएचसी अधीक्षक डॉ० नितिन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत में मानसिक रोग से सम्बंधित चिकित्सा सुविधा सर्वप्रथम कर्नाटक राज्य के दो जिलों से अगस्त 1982 में की गयी थी जोकि समस्त भारतवर्ष में 10 वर्षो में लागू की गयी एवं 10 अक्टूबर 1992 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० प्रवीण कुमार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक समय में सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रचलन एवं नवयुवको में नशाखोरी के कारण मानसिक रोगों की प्रवृति बढ़ती जा रही है जिसपर समय रहते रोक लगाना जरूरी है। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक देवेन्द्र निम ने कहा कि वर्तमान समय में व्यस्त जीवनशैली, कार्य का बोझ एवं बालको में मोबाइल देखने का प्रचालन मानसिक रोग का मुख्य कारण है स्वास्थ्य से सम्बंधित अन्य समस्याओ में जिनकी प्रतिपूर्ति आयुष्मान कार्ड में नहीं हो पाती है जिस कारण अतिरिक्त व्यय होता है तो सम्बंधित बीमारी पर होने वाले व्यय का इस्टीमेट अपने सम्बंधित विधायक से संपर्क कर व्यय प्रमाणित कर स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते है। इस अवसर पर अतिथियो द्वारा आंगनवाड़ी विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओ की गोद भराई भी की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ० सूरज सिंह ने किया। इस दौरान कपिल डाबर, मानसिक विशेषज्ञ टीम डॉ० ख़्वाजा खय्याम, पीएसडब्ल्यू अंशिका सिंह, सोशल वर्कर कविता सिंह, हवेंद्र यादव, विभु प्रताप, मुदस्सर अली, डॉ० ईशा जैन, डॉ० आशा चौहान, फार्मेसिस्ट कमल सिंह राणा, जुगल किशोर, बीएल गौतम, मीनाक्षी देवी, सोनिया, कुमारी पिंकी, सरोज, सुनीता, मंसूर अहमद, मुनीश कुमार, अवनीश कुमार, रितेश कुमार, मोफ़ीक़ अहमद, सुन्दरपाल, सुरेश कुमार, संजय कुमार, जितेंद्र कुमार, शिवकुमार, रविकुमार समेत आशासंगिनी व एएनएम सहित समस्त विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।
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