सहारनपुर को मिले ईज़-ऑफ-लाइफ, दीपावली से पहले शहर को मिले नई सूरत: डॉ अजय
रिपोर्ट- अमान उल्ला खान
बैठक में, सभी को गौर से सुन रहे महापौर ने अपनी बारी पर शहर की मौजूदा सूरत सामने रख दी। उन्होंने साफ कहा कि बिना-टाइम बाउंड काम के शहर के हालात नहीं सुधरेंगे। आम लोगों को राहत देने के लिए शहर को सेक्टर में बांटकर ड्राइव चलाना होगा। रास्तों को कारोबारियों के मकड़जाल से मुक्त कराने की जरूरत है। स्कूली बच्चे हिफाजत से स्कूल पहुंच सकें इसके लिए उन्हें सुरक्षित कॉरीडोर देने की जरूरत है। अतिक्रमण दोबारा न हो इसके लिए जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। बैठक में मौजूद शहर विधायक और रामपुर मनिहारन के विधायक प्रतिनिधि के साथ सहारनपुर कमिश्नर भी महापौर की बातों से सहमत नजर आय़े। महापौर की मंशा थी कि इस प्रक्रिया में अनन्त काल का समय नहीं लगना चाहिए। दीपावली तक जमीन पर काम नजर आना चाहिए। बैठक में मौजूद कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बैठक में जिन बातों का जिक्र हुआ है, उन्हें कार्य रूप में बदलने के लिए जमीनी रिसर्च के बाद व्यापक प्लान में बदला जाये और उन्हें जमीन पर उतारा जाये। दरअसल, मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जब कमिश्नर ने बैठक बुलाई तो इस बैठक के एजेंडे में वो सभी मसले रखे गये जो आम-आदमियों को परेशान करते रहे हैं। मसलन, शहर को अतिक्रमण मुक्त कराना, ताकि सड़कों पर चलने में लोगों को परेशानी न आये। ऑटो-रिक्शा का अनियमित संचालन, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए तय व्यवस्था, जिन सड़कों पर बोझ ज्यादा है वहां डायवर्जन, रास्तों के विकास में आ रही बाधा को दूर करना सरीखे मसले इस बैठक के एजेंडे में तय किये गये थे। इन व्यवस्थाओं से जुड़े तकरीबन सभी अधिकारी भी बैठक में अपेक्षित थे। मसलन जिला कलेक्टर और कप्तान, निगम से नगर आयुक्त, एसडीए के उपाध्यक्ष, सिटी-मजिस्ट्रेट, एसपी-यातायात, लोकनिर्माण और आरटीओ के अफसर भी इस बड़ी बैठक में आमंत्रित थे।गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में सहारनपुर के अतिक्रमण विरोधी अभियान को योगी आदित्यनाथ का भरपूर समर्थन मिला था। इस बैठक में योगी ने यहां तक कह दिया था कि उन्होंने सहारनपुर औऱ गोरखपुर में डॉक्टर महापौर इसीलिए बनाया ताकि वो शहर का इलाज करें। मुख्यमंत्री का यह भी कहना था कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान से भले ही कुछ लोग नाराज हो जायें लेकिन आम लोगों को राहत मिलती है। गौरतलब है कि शहर के कई इलाकों में बेखौफ अतिक्रमण ने लाखों नगर वासियों का जीना मुहाल कर दिया है। रेलवे रोड, नेहरू मार्केट, रायवाला, बोमांजी-रोड, कोर्ट रोड, क़ुतुबशेर, जेबीएस कॉलोनी सरीखे कई इलाके तो ऐसे हैं जहां लोगों के घर और प्रतिष्ठान सार्वजनिक मार्गों तक पहुंच गए हैं। हालात ये है कि कई इलाकों में तो नालों पर ही निर्माण कर लिए गए हैं। इससे हुआ यह है की सड़क परिवहन में तो बाधा आई ही है, नालों की सफाई ठीक से ना हो पाने से शहर में मामूली बरसात से ही जल जमाव की नौबत आ जाती है। आज जिस तरीके से शहर के कर्ता-धर्ता साथ-साथ बैठे उससे एक उम्मीद की किरण नजर आने लगी है।
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