भारतीय बौद्ध महासभा के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
रिपोर्ट- अमान उल्ला खान
ज्ञापन के माध्यम से कार्य करता ने मांग की है कि भारत में कई महापुरुषों ने सामाजिक एकता कायम करने के लिए जनजागरण किया। भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जी ने बमुश्किल जातियों को तोड़ा, विभिन्न जातियों की श्रेणियां बनाई, उनके सामाजिक पिछड़ेपन और शैक्षिक पिछड़ेपन नष्ट करने के लिए आरक्षण दिया और उन्हें सत्ता में भागीदारी दी। आर्थिक उन्नति के लिए नहीं! इसे संविधान सभा से संवैधानिक मंजूरी मिल गई, जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के बीच सामाजिक एकता निर्माण हुई। संविधान की मूल अवधारणा पर विचार किए बिना अनुसूचित जाति, जनजाति की एकता तोडकर, इन श्रेणियों में उप-वर्ग बनाना और क्रीमी लेयर बनाना अन्यायपूर्ण है। अतः अनुसूचित जाति, जनजाति के अंतर्गत जाति समूह बनने से उन्हें विन्दुनामावली (रोस्टर) के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पायेगा। वैकल्पिक रूप से, आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से समय सिंह ,जसमेर सिंह,बिरहम पाल सिंह,रवि प्रकाश बौद्ध,राजकुमार सिंह बौद्ध आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे
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