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हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व 72 शोहदा ए कर्बला में निकाला गया जुलूस ए चेहल्लुम

हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व 72 शोहदा ए कर्बला  में निकाला गया जुलूस ए चेहल्लुम 

रिपोर्ट- अमान उल्ला खान

सहारनपुर-हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व कर्बला के 72 शहीदो की याद में जुलूसे अरबईन निकाला गया जिसमे सोगवारो ने मातमी माहोल मे नौहाखानी व सीना ज़नी की 

कर्बला के शहीदो की याद मे जुलूसे अरबईन मातमी माहौल मे पूरी अकीदत के साथ निकाला गया कर्बला के मैदान मे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व उनके 72 साथियों को यजीद नाम के आतकवादी विचारधारा रखने वाला  बादशाह के हुक्म से शहीद कर दिया गया था। हज़रत इमाम हुसैन के काफिले मे छः माह के बच्चे से लेकर 80 साल के बुढे औरते सभी थे। तपती रेगिस्थान मे 3 दिन तक सभी को भूखा प्यासा रखा गया और 10 मोहर्रम को हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व 72 अफ्राद को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया।कर्बला के 72 शहीदो की याद मे निकाले गये जुलूस ए अरबईन मौहल्ला मीर कोट से आरम्भ होकर पुल खुमरान भगत सिह चौक मोर गंज चौक फव्वारा पुल सब्जी मण्डी होता हुआ  बडी इमाम बारगाह जाफर नवाज़ पहुच कर सम्पन्न हुआ।जुलूस मे अकीदत मंदो ने भारी तादाद मे जंजीरो मे बंघी छुरियो, कमाह, व हाथ से अपने शरीर पर मातम किया,उनके शरीर से खून  रिस रहा था। सभी ग़मजदा लोगो ने काले कपडे पहन रखे थे तथा नंगे पैर,गरेबान चाक,मातम करते हुए चल रहे थे। सभी अकीदत मंद या हुसैन,या अली, या अब्बास, हाय सकीना हाय प्यास की आवाजे़ बुलंद कर रहे थे। जुलूस मे सबसे आगे घोडे बेलगाडिया, आदि पर बैठे छोटे छोटे बच्चे काले कपडे पहने हाय सकीना हाय प्यास, चमन चमन कली कली अली अली अली अली, नाराए तकबीर अल्लाहो अकबर, हुसैनियत ज़िदाबाद यज़ीदयत मुरदाबाद आदि के नारे बोल रहे थे बच्चो के हाथे मे काले निशान थे। जुलूस मे सबसे पीछे ज़ुलजना चल रही थी जिसकी बाग (लगाम) सरफराज़ हुसैन , मौ0 रज़ा, वासिफ जैदी  आदि ने पकड रखी थी। जुलूस मे जैगम अब्बास, मन्ज़र हुसैन काज़मी एडवोकेट, कासिम अब्बास एडवोकेट, काजी अकरम, साजिद काज़मी, फिरोज हैदर, अजहर काज़मी, लियाकत हुसैन, ज़मीर हैदर काजमी, नगीन हुसैन, ,आई.एम.जैदी, कैसर अब्बास, पिन्टू, एस.एच.ए.नकवी, इशरत हुसैन गुडडू, अकबर अब्बास, मंज़र अब्बास, समर जैदी, अथर जैदी, मिर्जा मेहरबान, शादाब आब्दी, दानिश आब्दी, शबी आब्दी, रविश आब्दी, अम्मार आब्दी, फरहत हुसैन निशान हैदर, आदि सैकडो की संख्या में अज़ादार चल रहे थे। जुलूस का संचालन डाक्टर अशजे रज़ा ने किया ।

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