जागृत गुरु के द्वारा ही दीक्षित होने पर शिष्य का कल्याण -स्वामी कलेंद्रानंद
स्वामी कलेंद्रानंद जी महाराज सत्संग करते हुए कहा सद्गुरु ही शीशे के जीवन को सेवा एवं साधना के माध्यम से माया से अलग कर उसे परमात्मा के मार्ग पथिक बनता है ।गुरु की शरण में ही जीवात्मा संसार के बंधन से मुक्त होकर संसार में ही परम आनंद प्राप्त कर जीवन को भक्ति के मार्ग में अर्पण करता है वही जीव परमात्मा तक पहुंचता है। महाराज श्री ने कहा जागृत गुरु के द्वारा ही दीक्षित होने पर शिष्य का कल्याण होता है, गुरु ही ऐसा आधार है जो अपनी समझ शक्तियां समस्त विद्याएं किसी भी योग्य शिष्य को प्रदान कर जगत का कल्याण करता है इसी आधार पर रामकृष्ण देव ने अपनी समस्त शक्तियां विवेकानंद को प्रदान की और जगत का कल्याण करवाया इस अवसर पर मेहर चंद जैन नरेंद्र धीमान अश्विनी कंबोज सागर गुप्ता मनीष गुप्ता रमेश शर्मा रमेश रोहिल्ला रविंदर चौधरी मनोज चौहान अनिल चौहान राकेश राणा वर्षा किरण बबली विवाह संगीता उमा बबीता कुसुम आदि भारी संख्या में पूज्य गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया
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