बाढ नियंत्रण के दृष्टिगत जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने की बैठक
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
राज्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के समय जन-धन की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। संबंधित सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें। विगत वर्ष में बाढ़ से जन-जीवन को हुए नुकसान के लिए समय पर मुआवजा देने एवं राहत कार्य में अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर समन्वय और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ आने पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होने कहा कि बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। अतिवृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, बिना विलंब उसकी क्षतिपूर्ति कराई जाए।सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, जिला आपदा प्रबन्धन के बीच बेहतर तालमेल हो। उन्होने निर्देश दिए कि जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहें। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24 घण्टे एक्टिव मोड में रहें। नौकाएं और राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, आपूर्ति विभाग तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संयुक्त रूप से बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का पहले ही भ्रमण कर लें। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। महापौर डॉ0 अजय सिंह ने अर्बन फ्लड तथा नालों की सफाई व बाढ से बचाव के संबंध में नगर निगम द्वारा की गयी तैयारियों के बारे में बताया एवं आवश्यकतानुसार हर सहयोग करने की बात कही। विधायक रामपुर मनिहारान श्री देवेन्द्र निम ने बाढ से नुकसान होने पर किसानों को तत्काल मुआवजा दिलाने के लिए किए जाने वाले सर्वे में तेजी के साथ पारदर्शिता लाने की बात कही जिससे हर पात्र को सरकार की ओर से जल्द से जल्द सहायता राशि मिल सके। विधायक बेहट श्री उमर अली खान ने माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के नदी के किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदारों के अचानक बाढ का पानी आने से होने वाले नुकसान से बचाव के उपायों को पहले से ही अपनाने की बात कही।
जिलाधिकारी श्री मनीष बंसल ने कहा कि बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट, डिग्निटी किट तैयार करके रख ली जाए। क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस आदि की उपलब्धता होनी चाहिए। बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो। सर्प दंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद मिलनी चाहिए। उन्होने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के समय राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होने कहा कि किसी भी गौशाला में जलभराव की स्थिति न हो तथा स्टॉक किया हुआ भूसा और चारा भी खराब न हो। पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। राहत सामग्री की गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं होना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के पोल, तार, सड़क आदि समय से ठीक कर लिए जाने चाहिए। श्री मनीष बंसल ने कहा कि गोताखोरों, नाविकों, तैराकों एवं आपदा मित्रों का डाटा अपडेट रखते हुए निरंतर उनसे सम्पर्क में रहें। सभी बाढ सुरक्षा चौकियां एक्टिव रहें एवं उन पर बैनर लगाकर संबंधित अधिकारियों के नम्बर भी प्रदर्शित किए जाएं। राहत कार्य में प्रयोग होने वाले सभी उपकरणों की क्रियाशीलता पहले से ही जांच लें। सभी खतरनाक स्थलों को पहले से ही चिन्हित कर उन पर चेतावनी चिन्ह लगाते हुए सुरक्षा के उपाय कर लिए जाएं। आवश्यकतानुसार राहत शिविरों को बढा लिया जाए। उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ से संवेदनशील स्थानों के दृष्टिगत पहले से ही बचाव के उपाय करने की बात कही। उन्होने कहा कि आमजन की सुरक्षा के लिए जनप्रतिनिधि अधिकारियों को हर सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। ढमोला नदी से होने वाले नुकसान पर सभी जनप्रतिनिधियों ने चिन्ता व्यक्त की।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री सुमित राजेश महाजन, नगर आयुक्त श्री संजय चौहान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 अर्चना द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री रजनीश कुमार मिश्र, एसपी ग्रामीण श्री सागर जैन, नकुड विधायक प्रतिनिधि श्री विकेश चौधरी, विधायक सहारनपुर देहात प्रतिनिधि श्री विपिन जैन, समस्त एसडीएम, तहसीलदार एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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