शिव महापुराण कथा के शुभारंभ अवसर पर निकाली गई भव्य मंगल कलश यात्रा
जिसमें शिव महापुराण कथा का पूजन किया गया। शोभायात्रा में सर्वप्रथम धर्म ध्वजा उसके पीछे गणपति महाराज गज रथ पर अरुण होगा चल रही थे उसके पीछे शिव पार्वती और आधा कृष्ण जी झांकी जनमानस का मन आकर्षित कर रही थी नमो 108 भाग्यशाली महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर चल रही थी शिव महापुराण शिरोधार्य होने का सौभाग्य पाडली निवासी प्रदीप पाल प्राप्त हुआ। बैंड बाजों के साथ में मंगल कर शोभायात्रा जिस माल से जा रही थी वहां फूलों की व सागर लोगों ने भगवान सदा शिव का धोबी स्वागत किया और जलपान की व्यवस्था की। जब साथी होने का सौभाग्य ग्राम प्रधान शिक्षा देवी को प्राप्त हुआ।इस अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा शिवजी के सुख का मूल साधन शिव ही है शिव सदा कल्याणकारी है शिवजी सृष्टि का आदि और अंत हैं। शिव ही परम सकता है शिवजी ही जगत के प्राण चलाए मान हे उन्होंने का शिव शरणागत होने पर जीव कल्याण हो जाता है शिव की नियमित पूजा करने से जीव में जीव शिव की ऊर्जा का सृजन हो जाता है जिससे माया के प्रपंच सी मुक्ति निशि सो जाती है इस अवसर पर शुभ सुखवीर सिंह कश्यप मांगेराम कश्यप सुभाष कश्यप शिवा कश्यप उनको शिव उधल कश्यप उमा रेखा बबली ममता कुसुम राखी आदि रहे
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