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क्या गंठबंधन उम्मीदवार की घोषणा के बाद होगा भाजपा प्रत्याशी का ऐलान ?

 क्या गंठबंधन उम्मीदवार की घोषणा के बाद होगा भाजपा प्रत्याशी का ऐलान ?

कैराना और मुज़फ्फरनगर में विपक्षी उम्मीदवारों के बाद ही भाजपा ने उतारे अपने उम्मीदवार

गठबंधन से पूर्व विधायक इमरान मसूद सबसे आगे, तो पूर्व एमएलसी गजे सिंह भी दौड़ में शामिल

रिपोर्ट-अमित मोनू यादव

सहारनपुर-भारतीय जनता पार्टी अपने मिशन 400 पार के नारे को मूर्त देने के लिए उम्मीदवारों के चयन में कोई जल्दबाजी में नही है। भाजपा हर एक उम्मीदवार के घोषणा करने से पहले उनके विनिंग फैक्टर की संभावना और जातीय समीकरण को लेकर गुणा भाग कर रही है।

इसी कड़ी में भाजपा ने शनिवार को 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 195 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुनावी रणभेरी का आगाज कर दिया। भाजपा की केंद्रीय चुनावी समिति ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर उम्मीदवारों के एलान के बाद सियासी गलियारे में हलचल को बढ़ा दिया है।उधर शनिवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में सहारनपुर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदावार की घोषणा ना होने के फैसले ने सभी को चौका दिया।राजनीति के जानकारों की माने भाजपा को सहारनपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में कभी भी किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा है जितना 2024 लोक सभा चुनावो में करना पड़ रहा है। जिसका मुख्य कारण 2019 की पराजय है ।भाजपा के रणनीतिकारो की माने तो वो इस हार को जीत के बदलने के समीकरण की रणनीति पर बीते काफी समय से मंथन कर रहे है।ऐसे में सियासी गलियारे में एक बड़ा सवाल उठ कर ये आ रहे है कि क्या भाजपा गठबंधन प्रत्याक्षी के एलान बाद अपने पत्ते खोलेगी। क्योंकि मुज़फ्फरनगर और कैराना में गठबंधन प्रत्याशियों के एलान के बाद ही भाजपा ने अपने प्रत्याशियों  को घोषित कर इस बात के मजबूत संकेत भी दिए है।

ऐसे में भाजपा सहारनपुर संसदीय सीट पर अभी कोई जल्दबाजी करने के मूड में नही है। पार्टी रणनीतिकार विपक्ष के उम्मीदवार का नाम सामने आने पर ही अपना अगला दांव चल सकते है।उल्लेखनीय है कि सहारनपुर संसदीय सीट पर तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे राघव लखन पाल शर्मा को 2019 के चुनावो में बसपा के हाजी फजलुर रहमान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।वही राघव लखन लाल शर्मा इस बार भी पूर्व कबीना मंत्री वा सांसद स्वर्गीय जगदीश राणा के भतीजे और पूर्व विधायक स्वर्गीय महावीर राणा के सुपुत्र अभय राणा ,राज्य मंत्री कुंवर बृजेश सिंह,योग गुरु स्वामी दीपांकर,राज्य मंत्री जसवंत  सैनी के साथ टिकट की दौड़ में शामिल है।दूसरी तरफ गठबंधन से कांग्रेस के खाते में गई सहारनपुर सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम काजी रशीद मसूद के भतीजे और पूर्व विधायक इमरान मसूद की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। लेकिन पूर्व एमएलसी गजे सिंह भी दिल्ली दरबार से लगातार अपनी दावेदारी को लेकर संपर्क साधे हुए है।हालाकि गठबंधन की ओर से अभी तक किसी अधिकारिक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई और घोषणा के बाद ही  होने तस्वीर का रुख साफ कुछ हो पाएगा।आपको बताते चले कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और आने वाले समय में क्या खेल खिल जाए ये कहना मुश्किल है। वही राजनीति में कभी भी किसी बड़े उलटफेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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