राधा स्वामी सत्संग (ब्यास) के वार्षिक समागम में उमड़ेगा आस्था का सैलाब
आठ मार्च से प्रारंभ हो रहे सत्संग में जुटेंगे तीन लाँख से अधिक अनुयाई
डेरा ब्यास प्रमुख के चार दिनों के प्रवास मे होंगे दिव्य दर्शन, संत्सग,व प्रश्नोत्तर
रिपोर्ट -अमित मोनू यादव
सहारनपूर-राधा स्वामी संत्सग(ब्यास) के सहारनपुर स्थित पिलखनी मेजर सेन्टर मे डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढ़िल्लों के संत्सग को लेकर तैयारियाँ जोरों पर है। यूँ तो राधा स्वामी सत्सग (ब्यास) के देश भर मे कई डेरे है मगर तीन राज्यो को जोडने वाला सहारनपुर का ये डेरा अनुयायियों के आगमन के दृष्टिगत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो जब भी पिलखनी आश्रम मे संत्सग करने आते है तो पंजाब,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश,दिल्ली,चंडीगढ आदि राज्यो से अनुयायी यहाँ बड़ी संख्या मे आ कर उनके आध्यात्मिक और दिव्य संत्सग को सुनते है
वही इस बार डेरा ब्यास प्रमुख के पिलखनी सेन्टर मे होने वाले तीन दिवसीय दिव्य संत्सग कार्यक्रम को लेकर देश भर में फैले उनके अनुयायीयों मे विशेष उत्साह है जिसको लेकर पिलखनी आश्रम मे बीते काफी दिनों से तैयारियाँ चल रही है!इतने बडे और विशेष धार्मिक आयोजन के बेहतर प्रबंधन को लेकर स्थानीय प्रशासन और डेरा ब्यास प्रबंधक आपसी सामंजस्य स्थापित कर व्यवस्था को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है।वही गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी रेलवे प्रशासन ने डेरा ब्यास प्रमुख के संत्सग के मद्देनजर आठ,नौ और दस मार्च को एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और मेल सहित 47 महत्वपूर्ण ट्रेनों का एक मिनट का स्टोपेज सरसावा रेलवे स्टेशन पर करने के निर्देश जारी किए है।दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन ने भी नौ तारीख को विद्यालयों का अवकाश घोषित कर व्यवस्था को और सुचारु रूप से चलाने के साथ सुरक्षा व्यवस्था के भी व्यापक स्तर पर बंदोबस्त किए हुए है। उधर राधा-स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन की ओर से जिले भर में वाहनो की व्यवस्था की गई है जो ट्रेनों और बसों के ज़रिये आने वाले अनुयाइयों को पिलखनी संत्सग भवन पहुंचा रहे है। सत्संग मे मध्यनजर आने वाले दिनो मे अनुयायियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी का सिलसिला देखने को मिलेगा। उधर संत्सग में आने वाले अनुयायियों के पिलखनी मेजर सेंटर मे रहने और ठहरने की व्यवस्था प्रबंधन द्वारा कर रखी है।वही मिली जानकारी के मुताबिक डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों द्वारा अनुयाइयों को दिया जाने वाले नामदान के लिए रजिस्ट्रेशन सात मार्च को आश्रम परिसर में किया जाएगा।
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