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हिंदुओं का ईश्वर और मुसलमान का खुदा एक है तो फिर आपस में भेदभाव क्यों-डॉ असलम खान

भूख और रक्त की कोई जाति या धर्म नहीं होता। प्रेम और मानवता ही श्रेष्ठ धर्म-सन्त कमल 

 हिंदुओं का ईश्वर और मुसलमान का खुदा एक है तो फिर आपस में भेदभाव क्यों-डॉ असलम 

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-कालाष्टमी के पवित्र अवसर पर स्वयंसेवी संस्था वर्ल्ड आर्गेनाइजेशन ऑफ रिलीजन एंड नॉलेज “वर्क” द्वारा गंगोह रोड चन्द्रविहार कॉलोनी स्थित नेत्रहीन,दिव्याङ्ग,कल्याण शिक्षण संस्थान के बच्चों को उन्नत शिक्षा हेतु स्लेट और शिक्षा सामग्री का निशुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर और नेशनल मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य संस्थापक डॉ असलम खान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

सन्त कमल किशोर ने प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन,स्टीफन हाकिंग,फ़्रेंकलिन डी रूज़वेल्ट ,एंडीय बोसेली,सुधा चंद्रन जैसे दिव्याङ्गों के उदाहरण देकर सभी को उत्साहित करते हुए कहा कि जीवन के संघर्ष मे घबराना नहीं,अपितु इसे ईश्वर का वरदान समझकर, एकजुट होकर, मानवता के आधार पर संयुक्त प्रयास करते हुए इनसे पार जाकर सफलता को चूमना है। उन्होने कहा भूख और रक्त की कोई जाति या धर्म नहीं होता। प्रेम और मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है,जिसकी भाषा ईश्वर जानता है,अतः सभी को प्रेम से रहना चाहिए जिससे पृथ्वी पर ही स्वर्ग की अनुभूति हो। 

डॉ मोहम्मद असलम खान ने बताया कि गरुड़ पुराण और भविष्य पुराण में भी पैगंबर मोहम्मद का नाम आया है।जब हिंदुओं का ईश्वर और मुसलमान का खुदा एक है तो फिर आपस में भेदभाव क्यों? ईश्वर तो दो नहीं हो सकते। हमें आपस में प्रेम से रहना चाहिए क्योंकि प्रेम ही जीवन है और प्रेम के बिना यह जीवन अधूरा है। यदि हम आपस में मिलजुल कर रहे तो ही भारत को विश्व गुरु बनाया जा सकता है। बच्चो द्वारा दिखाई गई बुद्धिमता पर टिप्पणी करते हुए उन्होने कहा कि इन लोगों का बौद्धिक स्तर बहुत ऊंचा होता है क्योंकि अगर नेत्र कार्य नहीं करते हैं तो उसके बदले में दूसरी इंद्रियों को ज्यादा सक्रिय कर देता है।वर्क संस्था के कार्येकर्ता अदील फारूक ने बताया सहारनपुर नगर में संस्था सब समाज की भलाई के लिए लगातार सेवा करती रहती है जैसे निशुल्क भोजन वितरण, निशुल्क मैडिकल कैंप, वर्क स्वच्छता अभियान, अनाथ आश्रम जा कर ज़रुरत का सामान देना, कंबल वितरण, जरूरतमंदों में राशन वितरण, आदि। वर्क संस्था कही से चन्दा नही लेती है लोकल कार्यकर्ता खुद के पैसों से ये सब कार्यक्रम करते है। वर्क संस्था ने समाज को करुणा कार्यों के द्वारा एक दुसरे का संयोग, और एकता द्वारा विश्व गुरु बनने का सन्देश दिया। आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर और डॉ असलम खान ने पवन, मनीष, शौर्य, केशव, आशीष सैनी, अनुज, अमन, सुभाष, नितिन, आर्यन, शुभम, इन सभी नेत्रहीन बालकों को शैक्षणिक सामग्री और स्टाफ में टीचर  शिवम, राजीव तिवारी,और धर्मपाल को शाल ओढ़ाकर व भेंट देकर सम्मानित किया । अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा,सचिव प्रमोद सैनी, सुषमा शर्मा, कमल श्रीवास्तव और उपाध्यक्ष डॉ अवनीश शर्मा को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में शामिल होने वाले वर्क कार्यकर्ताओं में नदीम मलिक, अदील फारूक,श्रवण पांडे, काशिफ़ हुसैन, मुहम्मद जावेद, अयाज़ उल हक, ज़ाकिर और काशिफ़ हुसैन का सहयोग उललेखनीय रहा।

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