अपने पूर्वजों को यादकर दी श्रद्धांजलि स्वतंत्रता सेनानी परिवारो ने
रिपोर्ट- श्रीगोपाल नारसन
रुड़की- प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10:00 बजे 10 मिनट अपने पूर्वज शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अभियान के अंतर्गत आज खराब मौसम के बावजूद सुनहरा (रुड़की) स्थित ऐतिहासिक वटवृक्ष पर स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने शहीद स्मारक पर अपने पूर्वजों को नमन किया तथा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
अमर शहीद जगदीश प्रसाद वत्स के भांजे श्रीगोपाल नारसन ने इस अवसर पर कहा कि चूंकि रुड़की के कुंजा बहादुरपुर की सन 1822 से 1824 तक हुई आजादी की क्रांति देश की पहली क्रांति है,जिसकी मान्यता केंद्र व राज्य सरकार को देनी चाहिए।उन्होंने सुनहरा वटवृक्ष को अतिक्रमण मुक्त करके केवल शहीद स्मारक स्थल के रूप में ही प्रतिष्ठित किये जाने की बात कही।आज रुड़की, भगवानपुर, लक्सर,हरिद्वार समेत देशभर में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियों ने राष्ट्रगान करके अपने पूर्वजों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सन् 1822 से 1824तक में कुंजा बहादुरपुर में राजा विजय सिंह के नेतृत्व में जो क्रांति अंग्रेजों के विरुद्ध की गई थी, जिसे कुचलने के लिए अंग्रेजी सेना द्वारा 152 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करके उन्हें लोहे की जंजीरों से इस वट वृक्ष पर एक ही दिन में फांसी पर लटका दिया था। आज वही वटवृक्ष उन शहीदों की यादगार समाधि के रूप में स्थापित है। आज के इस कार्यक्रम में श्रीपाल वत्स ने अपने पिता महान स्वाधीनता सेनानी पंडित ताराचंद वत्स के आजादी योगदान की गाथा सुनाई वही आर्य समाज के अध्यक्ष हरपाल सिंह आर्य ने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि देशप्रेम को बढ़ावा देना है।कार्यक्रम में वाई के आत्रेय,म्रणालिका आत्रेय,हरपाल सिंह आर्य, सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे। वट वृक्ष पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभी लोग ब्लॉक रुड़की स्थिति स्मृति स्तंभ पर गए तथा वहां पर भी अपने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
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