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सतगुरू रविदास आश्रम कोटा में धूमधाम से संपन्न हुआ वार्षिक संत समागम

 सतगुरू रविदास आश्रम कोटा में धूमधाम से संपन्न हुआ वार्षिक संत समागम 

अंधविश्वास व बुराइयों से दूर होकर शिक्षित होने पर दिया जोर

 रिपोर्ट-एसडी गौतम

नागल-अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन के तत्वाधान में सतगुरु रविदास आश्रम कोटा में 28वां वार्षिक विशाल संत समागम धूमधाम से संपन्न हुआ। सत्संग का शुभारंभ संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी महाराज व सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के श्री चरणों में गुरु पूजा अर्पित कर आरती वंदना से किया गया।

गुरू गद्दी शुक्रताल से पहुंचे संत श्री गोवर्धन दास जी महाराज ने फरमाया कि सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज अपनी गद्दी के अखंड मालिक है और गुरू गद्दी की चेष्टा करना मोह माया है और तब तक मानव मोहमाया में फंसा रहेगा तबतक उसका कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज ने सर्वसमाज के एक-एक व्यक्ति को गुरू चरणो में जोड़कर सतमार्ग की राह दिखाकर मांस मदिरे से दूर कर मानव जीवन का उद्धार करने का कार्य किया है। उन्होंने सभी से गुरु गद्दी शुक्रताल निर्माण कार्य में सहयोग कर अपने बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसित कर अंधविश्वास से दूर होने की बात कही। कार्यक्रम में भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रत्न सिंह ने भीम आर्मी के उत्थान में सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के किरदार और सत्संग की महत्वता को बताते हुए सभी से सतगुरु रविदास जी महाराज सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज व बाबासाहब डॉ० अम्बेडकर जी  के मिशन को अनुशासन में रहकर निरंतर आगे बढ़ाने तथा सत्संग में भीम आर्मी की ओर से सेवा समर्पित करने की बात कही। कार्यक्रम की उपाध्यक्षता संत सतपाल दास व संचालन गुरमेल दास व पत्रकार एसडी गौतम ने संयुक्त रूप से किया

इस दौरान पूर्व विधायक जगपाल सिंह, बसपा नेता नफेसिंह, चेयरमैन शिवकुमार खुरचा, एफसीआई मेंबर शिवकुमार, महात्मा राजकुमार दास ब्रह्मचारी, महात्मा संजय दास व महात्मा महीपाल दास ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भोर तक चले सत्संग में संत महात्माओं व प्रचारकों द्वारा गुरू वाणियों से क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया।कार्यक्रम में उमड़ी अनुयायियों की भीड़ को देखते हुए थाना निरीक्षक कुसुम भाटी द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस दौरान आसपा जिलाध्यक्ष करणवीर सिंह, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष शौर्य अंबेडकर, महात्मा नत्था दास, महात्मा गुरुमुख दास, महात्मा प्रेमदास, डॉ० महेंद्र, मेहर सिंह, सेवाराम, रामस्वरूप, रामपाल सिंह गौतम, मुनेश प्रधान, संदीप प्रधान, बिरम प्रधान, लेखराम प्रधान, मोहित सैनी प्रधान, स्वराज दास, जगरामदास, मानसिंह, एड. कमल दयाल, एड. सतेन्द्र गौतम, बुल्ला शाह, एड. महावीर खुर्चा, प्रविंदर रविदासी, गोविंद सरपंच, लक्की सम्राट, रामकला, हिमांशु गौतम, तुरमपाल, संदीप दास, सुनील कुमार, पाल्ला, हरिदास, शुभम लाइट, जितेंद्र बौद्ध, राधेश्याम, रेशमा मौर्य, भावना सिंह, रूबीना, स्वाति व कामिनी समेत हजारों अनुयाई मौजूद रहे।

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