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प्रत्येक जनपद में बच्चों व महिलाओं हेतु गृहों की हुई आवश्यकता, गैर सरकारी संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण - मंडलायुक्त

प्रत्येक जनपद में बच्चों व महिलाओं हेतु गृहों की हुई आवश्यकता, गैर सरकारी संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण - मंडलायुक्त

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-मण्डलायुक्त डॉ0 हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में मण्डल की प्रत्येक महिला एवं बच्चे को सुरक्षित एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से सर्किट हाउस सभागार में मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, समन्वय एवं कन्वर्जेन्स हेतु मण्डल स्तरीय भव्य कार्यशाला आयोजित की गयी। 

मंडलायुक्त ने कार्यशाला के दौरान कहा कि प्रत्येक जनपद में बच्चों व महिलाओं हेतु गृहों की आवश्यकता का आंकलन कर गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से इन्हें संचालित कराना आवश्यक है। साथ ही जनपद स्तर पर जिलाधिकारी नियमित रूप में पर्याप्त समय देते हुये महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं और क्रियान्वित किये जाने वाले कानूनों की गहन समीक्षा करें। डॉ0 हृषिकेश भास्कर यशोद ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं नियमित तौर पर होनी चाहिए। इससे न केवल स्पष्टता आती है बल्कि कार्यक्षमता बढती है। उन्होने कहा कि आज हुए कार्यशाला का लाभ तभी होगा जबकि इसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाए। इस क्रियान्वयन के लिए बेहतर रणनीति बनाई जाए। ग्राम स्तर पर बाल कल्याण समितियों को सक्रिय करते हुए निरंतर बैठकें आयोजित की जाए। सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर योजनाओं की जानकारी स्टाल लगाकर दी जाए। सभी विभागों एवं स्टेक होल्डर में निरंतर संवाद हो तथा योजनाओं को पारदर्शिता से लागू किया जाए। यह प्रदेश स्तर पर मण्डलों में आयोजित होने वाली प्रथम कार्यशाला है। इसके अनुभवों का लाभ प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाली कार्यशालाओं को मिलेगा। उन्होने कहा कि वर्कशॉप आयोजित होने से समस्याओं का निस्तारण सहजता से संभव हो पाता है। उन्होने कहा कि मण्डल के सभी थानों में चाइल्ड फ्रैण्डली कॉर्नर बनाए जाएं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ, तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार और को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्न्वेजन्स के माध्यम से मिशन लक्ष्योें की प्राप्त किया जाने को महत्वता दी गई है।कार्यशाला में निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर सहित जिलाधिकारी सहारनपुर, मुज्जफरनगर व शामली ऑनलाइन रूप में मौजूद रहे। इसी के साथ विषय विशेषज्ञों ने महिला एवं बच्चों से संबंधित कानूनों के संबंध में अधिकारियों के प्रश्नों का जवाब दिया।निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर ने कहा कि हमने जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये प्रत्येक मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों के से संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रू0 प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। उन्होने मण्डलायुक्त के निर्देशन में की गई बेहतर कार्यशाला की सराहना की।  

जिलाधिकारी सहारनपुर डॉ0 दिनेश चन्द्र ने कहा कि इस कार्यशाला से विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् के बिन्दुओं में स्पष्टता आयेगी। उन्होने कहा कि बच्चों और महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि इसकी शुरूवात अपने परिवार से हो। मन से कार्य करने की भावना होनी चाहिए।जिलाधिकारी मुज्जफरनगर श्री अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि इन योजनाओं से परिवार सशक्त होंगें तथा जनपद में योजनाओं की प्रगति से अवगत करवाया। जिलाधिकारी शामली श्री रविन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को लागृ किया गया है पर इन्हें धरातल पर सशक्त करना हमारा काम है। विदित है कि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालायें आगामी 2 माह में आयोजित की जानी है और प्रदेश के सीमावर्ती मंडल सहारनपुर से इनकी शुरूवात की गई है। इन कार्यशालाओं को मुख्य उदद्ेश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।  यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी द्वारा कहा गया की हमें बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने हेतु विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों को क्रियान्वित करना होगा। साथ ही विभागीय सुविधाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा।कार्यशाला में तीनों जनपदों द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेुत विस्तृत कनवर्जेेंस् कार्ययोजना बनाई गई जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियांॅ और उनको दूर करने हेतु विभागों द्वारा की जाने वाली अपेक्षित कार्यवाही व समयसीमा तय की गई। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी श्री विजय कुमार, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ0 ज्योत्सना वत्स, एडिशनल एसपी शामली श्री ओ.पी. सिंह संयुक्त विकास आयुक्त श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव, महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक बी के सिंह, बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनिसेफ उत्तर प्रदेश सैयद मंसूर उमर कादरी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य परामर्शदाता नीरज मिश्र, प्रीतेश तिवारी व जावेद अंसारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी सहारनपुर श्री अभिषेक कुमार पाण्डेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी मुजफ्फरनगर श्री संजय यादव सहित जनपद सहारनपुर, मुज्जफरनगर तथा शामली के विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।

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