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स्पिक मैके एवम नगर निगम के संयुक्त तत्वाधान में हमारी संस्कृति हमारी पहचान कार्यक्रम

स्पिक मैके एवम नगर निगम के संयुक्त तत्वाधान में हमारी संस्कृति हमारी पहचान कार्यक्रम

 रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-स्पिक मैके एवम नगर निगम के संयुक्त तत्वाधान में मेला गुघाल के कार्यक्रमों की श्रृंखला में जनमंच  में हमारी संस्कृति हमारी पहचान कार्यक्रम का आरंभ मेयर अजय सिंह ने दीप  प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। स्पिक मैके की समन्वयक शैफाली मल्होत्रा के सयोजन  कार्यक्रम का संचालन संदीप शर्मा के लोग पब्लिक स्कूल गुरु नानक इंटर कॉलेज ने संयुक्त रूप से किया 

भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य की शानदार प्रस्तुति में डॉ राजीव चक्रवर्ती की सरोद प्रस्तुति एवं कविता द्विवेदी की ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति ने शानदार समा बांधा। प्रथम प्रस्तुति में डॉक्टर राजीव चक्रवर्ती ने राग चारुकेशी में  गत प्रस्तुत की उनके साथ तबले पर उस्ताद अकरम खान ने संगत की बाद में प्रचलित धुन रघुपति राघव राजा राम एवं ओम जय जगदीश हरे वैष्णव भजन तो तेने कहिए का शानदार प्रदर्शन किया गया। द्वितीय प्रस्तुति में ओडिसी नृत्य में कविता द्विवेदी ने शिव तांडव पल्लवी एवं किशोर एवं कृष्ण कृष्णा यशोदा प्रसंग पर शानदार नृत्य अभिनय प्रस्तुत किया जिसमें सभी नव रसो का समावेश था।कविता जी के साथ उनके टीम में सुरेश सेठी ने गायन पर  प्रशांत मंगराज ने मर्दल पर मर्दल पर गोपीनाथ स्वयं ने वायलिन पर अनुषा एवं सोनाली ने नित्य पर साथ दिया।कार्यक्रम में स्पिक मैके के उपाध्यक्ष सरदार मोहन सिंह जी डैनी सक्सेना एवं कार्यक्रम समन्वयक समन्वयक बबीता मलिक दिनकर मलिक अश्वदीप सिंह आशु दीप सिंह का विशेष सहयोग रहा। कानपुर मेयर अजय सिंह ने कहा कि इस बार में मेले के कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारतीय संस्कृति एवं परंपरागत कलाओं को विशेष ध्यान दिया गया है जिससे जनसाधारण में भारतीय संस्कृति एवं कला के प्रति रुचि बड़े। अकड़ ने कहा मुकेश गखड़ ने कहा भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने के लिए हम इस कार्यक्रम का नाम हमारी संस्कृति हमारी पहचान दिया गया और दोनों विश्व विख्यात कलाकारों में कलाकारों ने कल के अनूठे प्रदर्शन से कार्यक्रम को सार्थक किया। सभी दर्शकों ने कार्यक्रमों को बहुत सराहा।पार्षद अमित मित्तल मंडल महामंत्री सहसंयोजक सागर वर्मा संजीव विश्वकर्मा अमित गुप्ता संदीप शर्मा हितेश गुलाटी सीमांत जी वह अन्य कार्यकर्ता ने अपना योगदान दिया।

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