अबला से सबला” अभियान के लिए राष्ट्रीय संयोजक गौरव चौहान को किया सम्मानित
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
दिव्य शक्ति अखाड़ा के मार्गदर्शन मे चल रहा नारी शक्ति “अबला से सबला” अभियान नारी के अभाव मे हर पुरुष अधूरा है,वैसे ही जैसे शिव से ई की मात्रा निकाल दी जाए तो केवल शव बचता है। ई ही शक्ति है, ई ही दुर्गा है,और ई ही मानव जीवन का स्रोत है। सनातन धर्म के शास्त्रों में भी नारी का नाम प्रथम लिया जाता है यथा: सीता-राम,राधा-कृष्ण,लक्ष्मी–नारायण,उमा-शंकर, गिरिजा-शंकर। नारी सृजन की देवी है। लेकिन विधर्मियों और पाश्चात्य संस्कृति ने नारी को मात्र उपभोग की वस्तु बना करा उसे सबला से अबला बना दिया।
उपरोक्त विचार दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमलकिशोर जी ने गौरव चौहान को“अबला से सबला” अभियान के लिए उल्लेखनीय भूमिका निभाने पर सम्मानित करते हुए व्यक्त किए। ज्ञात हो की दिव्य शक्ति अखाड़ा ने अपनी भारतीय संस्कृति की गरिमा को पुनर्जीवित करने के लिए “अबला से सबला” अभियान प्रारम्भ किया है जिसमे नारी को सर्वप्रथम स्व:रक्षा की शिक्षा दी जाती है,और श्री गौरव चौहान इस अभियान के राष्ट्रीय संयोजक का दायित्व राष्ट्रीय समन्वयक अरविन्द राणा के नेतृत्व मे निभा रहे हैं। राष्ट्रीय समन्वयक अरविन्द राणा ने प्रधानमन्त्री श्री नारायण दामोदरदस मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण अभियान को बल देने की बात पर बल देते हुए कहा कि जिस राष्ट्र की महिला शक्ति सशक्त है उस राष्ट्र को कोई गुलाम नहीं बना सकता। अरविन्द चौहान ने इतिहास की अनेकों राजपूत वीरांगनाओं के उदाहरण देते हुए बताया कि नारी अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए जान दे सकती है तो जान लेने का साहस भी रखती है। अभियान के राष्ट्रीय संयोजक गौरव चौहान ने बताया कि प्रत्येक आयु की स्त्री को अखाड़े की ओर से गुंडों,बलात्कारियों से टक्कर लेकर स्व:रक्षा, आत्मरक्षा के साथ-साथ उन्हे कठोरता के साथ सबक सिखाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।नारी शक्ति को कम करके आंकना एक बहुत बड़ी भूल है।नारी का धैर्य,लज्जा,सहनशक्ति,ममता उसके गुण हैं। अपनी आई पर आ जाए तो नारी किसी का भी विनाश कर सकती है। कार्यक्रम में गौरव चौहान को स्मृति चिन्ह और शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।
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