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नवरात्रों में प्रथम दिन मां शैलपुत्री को ही दुर्गा रूप में पूजा जाता है-स्वामी कलेंद्रानंद

नवरात्रों में प्रथम दिन मां शैलपुत्री को ही दुर्गा रूप में पूजा जाता है-स्वामी कलेंद्रानंद

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर- राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में शारदीय नवरात्रि के शुभारंभ पर घटस्थापना अवसर पर स्वामी कलेंद्रानंद महाराज जी ने कहा संपूर्ण ब्रह्मांड भगवती के कलश रूप में ही समाहित है। श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित शारदीय नवरात्रि महोत्सव पूजा में आज प्रथम नवरात्रि पर स्वामी कलेंद्रानंद जी महाराज ने मां भगवती के षोडश मंगल कलश की घटस्थापना की और विधि वक्त मंत्र उच्चारण कर पंडित ऋषभ शर्मा ने पूजन कर कर घटस्थापना कराई। मां भगवती शैलपुत्री की विधिवत पूजा कर मां भगवती की अष्टधातु की प्रतिमा का दुर्गा सहस्त्रनाम स्तोत्र से महा अभिषेक किया गया और भगवती का श्रृंगार कर आरती उतारी गई। 

मां भगवती शैलपुत्री की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कलेंद्रानंद जी महाराज ने कहा नवदुर्गा में प्रथम भगवती का रूप शैलपुत्री है नवरात्रों में प्रथम दिन मां शैलपुत्री को ही दुर्गा रूप में पूजा जाता है हिमाचल राज की पुत्री के रूप में प्रकट होने के कारण मां भगवती का नाम शैलपुत्री पड़ा। मूलतः मां शैलपुत्री की पूजा साधक और योगियों की पूजा है जिसमें साधक प्रथम दिन अपने मूलाधार चक्र में ध्यान करके अपनी शक्ति को जागृत करते हैं और यही से अपनी शक्ति को ऊर्धवागति गति की ओर अग्रसर करते हैं अर्थात प्रथम शैलपुत्री की साधना साधकों के लिए अपनी शक्ति को जागृत करने का प्रथम सोपान है दूसरी ओर समस्त प्रकृति में मां शैलपुत्री चेतन होकर समाहित है जो वास्तव में मन और आत्मा को एक भाव में बांधकर एकाग्रचित करती है यही से जीव की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है अर्थात मां भगवती शैलपुत्री जीव को सृष्टि का समस्त वैभव सुख प्रदान कर अंत में मोक्ष प्रदान करती है इस अवसर पर अरुण स्वामी मेहरचंद जैन अश्वनी कंबोज मनोज चौहान विकास वर्मा सागर गुप्ता सुनील कश्यप वर्षा किरण बबली उमा सुचेता बबीता अत्रि रेखा पूनम आदि रहे

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