श्री भागवत भारतीयों के हृदय में छिपी है-आचार्य चैतन्य जी महाराज
रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक
शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा के आरंभ से पूर्व जल कलश यात्रा निकाली गई।जल कलश यात्रा कथा स्थल से आरंभ हुई।महिलाएं सिर पर मंगल कलश रखकर कीर्तन करते हुए शामिल हुई,कथा वाचक आचार्य श्री चैतन्य जी महाराज के सानिध्य में कलश यात्रा तहसील मार्ग, दिल्ली रोड, शिवपुरी आदि को होते हुए वापस कथा स्थल पर पहुंची, जल कलश यात्रा में मुख्य यजमान संदीप मित्तल सुरभि मित्तल ,गौरव मित्तल, प्रियांशी मित्तल रहे।कथा आरंभ में आचार्य चैतन्य जी महाराज ने भागवत के चार अक्षरों की व्याख्या के बारे में बताया कि भाव अर्थात प्रकाश यह कथा हृदय में आत्म प्रकाश करने वाली है इसी सत्य प्रकाश की खोज में यहां के लोग सदा लगे रहते हैं और इस देश का नाम भारत है।श्री भागवत भारतीयों के हृदय में छिपी है।आचार्य महाराज ने भागवत के सार को श्रद्धालुओं को समझाते हुए कहा यह ग्रंथ भवसागर से पार जाने की नौका है।उन्होंने श्रद्धालुओं से भागवत के सार को समझ कर अपने जीवन को सरल बनाने काआह्वान किया।इससे पूर्व कथा का उद्घाटन नगर पंचायत चेयरपर्सन रेनू बालियान व कुलदीप बालियान ने तथा दीप प्रज्वलित रविंद्र चौधरी ने किया।अतिथियों ने आचार्य श्री का मंगल तिलक व अंग वस्त्र भेंट किया। कथा के आयोजन में मॉर्निंग वॉक ग्रुप के अध्यक्ष संदीप मित्तल, विजय शर्मा,पदम सिंह एडवोकेट,विजय आनंद, हरिओम शर्मा, नीरज शर्मा, श्यामलाल, जुगमेंद्र रावत,मनोज शर्मा आदि का सहयोग रहा।
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