जिले में आई बुखार की आंधी तो लैब संचालकों की हुई चांदी
दिखाई नही देते डॉक्टर, अप्रशिक्षित लैब संचालकों की भेंट चढ़ रहे है पीड़ित
रिपोर्ट-एसडी गौतम
आपको बताते चले की जिले में अनेक तरह के बुखार ने जनता पर बुरी तरह से कहर बरपाकर उन्हें अपनी चपेट में ले रखा है जिस कारण बुखार के उतर जाने पर भी कई दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पा रहे है लेकिन लैब संचालकों में प्लेटलेट्स, बुखार व ब्लड आदि चेक करने के नाम पर गरीब जनता से खुली लूट मचाने की आंधी आई हुई है। या यूं कहे कि डॉक्टरों द्वारा मरीज को अपने चहेतों को जांच के लिए भेजा जाता है हो सकता है कि वहां पर प्रसेंटेज का खेल चल रहा हो जो कि एक बड़ा सवाल खड़ा करता है? वही कस्बा नागल के रेलवे स्थित एक पैथोलॉजी सेंटर में बुखार की जांच कराने पहुंचे मीरपुर मोहनपुर निवासी नवीन कुमार की रिपोर्ट में मलेरिया नेगेटिव, टाइफाइड पॉजिटिव व प्लेटलेट्स 0.58 दर्शाकर डेंगू बुखार दर्शा दिया जिससे परिजन बुरी तरह घबरा गए तथा तुरंत सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागल लेकर भागे जहां पर चिकित्सको द्वारा जांच मे डेंगू के लक्षण नहीं पाए गए तत्पश्चात उचित उपचार देकर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अब सवाल उठता है कि अगर रिपोर्ट से घबराकर पीड़ित के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो क्या उसकी भरपाई संभव थी। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि एमबीबीएस डॉक्टरों के नाम पर खुले लैब जहां पर डॉक्टर या टेक्नीशियन दिखाई भी नही देते है उनकी जांच कर विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए। उधर इस संबंध में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ० नितिन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है जिसकी जांच कराई जाएगी तथा अवैध रूप से संचालित लैब सेंटरों को चिन्हित कर विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
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